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*⏺️ब्रेकिंग:- राहा से 30 लाख की ठगी का पूरा खुलासा, योजनाबद्ध तरीके से षड़यंत्र कर संस्था के पूर्व मैनेजर द्वारा अपने मित्र को फर्जी आयकर अधिकारी बताकर प्रार्थिया से 30 लाख रू. की ठगी करने वाले आरोपी राकेश गुप्ता को पत्थलगांव पुलिस ने रायगढ़ से किया गिरफ्तार,प्रार्थिया के संस्था में कार्य करने वाला आरोपी पूर्व मैनेजर घटना के बाद से फरार, लगातार पता-तलाश जारी,*

जशपुरनगर। प्रार्थिया एलिजावेथ नल्लूर उम्र 70 वर्ष डायरेक्टर हेल्थ एशोसिएशन (राहा) पत्थलगांव द्वारा थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि दिनांक 31.07.2021 को दिन में करीब 01ः00 बजे एक अज्ञात व्यक्ति प्रार्थिया के कार्यालय में आया और अपने आपको आयकर अधिकारी होना बताकर इनके पूरे कार्यालय को आयकर अधिकारियों द्वारा घेरे जाने की जानकारी प्रार्थिया को देते हुये कहा कि अपने किसी पुरूष कर्मचारी को मद्द के लिये बुला ले जिसे आपके कार्यालय की पूरी जानकारी हो, क्योंकि पूरे कार्यालय की तलाशी लेनी है। उस व्यक्ति के कहने पर प्रार्थिया द्वारा अपने पूर्व मैनेजर को फोन कर कार्यालय में बुलाया, मैनेजर द्वारा आयकर की टीम बाहर खड़ी है संस्था में आयकर की रेड पड़ी है, कहते हुये प्रार्थिया को मैनेज करना पड़ेगा कहकर कार्यालय के अलमारी स्थित बैग में रखा हुआ 30 लाख रू. को निकालकर लेकर व्यक्ति वहां से चला गया। पूर्व मैनेजर आरोपी से मिला हुआ था। प्रार्थिया द्वारा अपने कार्यालय के सी.सी.टी.व्ही. फूटेज देखने पर उक्त व्यक्ति की पहचान की गई, जिसकी पहचान रायगढ़ निवासी राकेश गुप्ता के रूप में हुई। प्रार्थिया की रिपोर्ट पर थाना पत्थलगांव में धारा 419, 420, 120(बी) भा.द.वि. दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
➡️प्रकरण की विवेचना एवं मुखबीर सूचना पर आरोपी की पता-तलाश में टीम बनाकर रवाना किया गया। आरोपी राकेश गुप्ता के रायगढ़ में होने की सूचना मिलने पर तत्काल थाना पत्थलगांव से टीम गठित कर रायगढ़ से आरोपी को अभिरक्षा में लेकर थाना पत्थलगांव लाया गया। पूछताछ में अपराध घटित करना स्वीकार करने पर *आरोपी राकेश गुप्ता उम्र 50 वर्ष निवासी अटल आवास कालोनी रायगढ़* को दिनांक 14.11.2021 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया। प्रकरण के अन्य फरार आरोपी की लगातार पतासाजी की जा रही है।
➡️ प्रकरण की विवेचना एवं आरोपी को गिरफ्तार करने में थाना प्रभारी पत्थलगांव निरीक्षक एन राठिया, उ.नि. ललित नेगी, प्र.आर. 375 प्रेमप्रकाश कुर्रे, आर. 616 प्रमोद जोल्हे एवं अन्य स्टॉफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

क्या है मामला
आवेदिका एलिजावेथ ने मामले में शिकायत दर्ज कराते हुए जानकारी दी कि रायगढ-अम्बिकापुर हेल्थ एसोशियेशन (राहा) का मुख्य कार्यालय पत्थलगांव में है जिसकी मैं डायरेक्टर हूं। हमारी संस्था में वर्ष 2009 से रामानन्द सिंह एम.आई.एस. मैनेजर के पद पर कार्यरत रहा है, जिसे बार-बार अनुशासनहिनता की चेतावनी दी जाने पर उससे जून 2021 में त्यागपत्र लिया जाकर जुलाई 2021 में संस्था से कार्यमुक्त किया गया है। चूंकि रामानंद सिंह मैनेजर के पद पर कार्यरत था, इस कारण उसे संस्था की समस्त जानकारी थी। हमारी संस्था राहा के नाम पर ग्राम बकना, तह0 राजपुर (बलरामपुर) में जमीन है जिसे संस्था की ओर से बिक्री करने का सौदा अम्बिकापुर के विनोद अग्रवाल वगै0 से मई 2021 में किया गया है। जमीन के रजिस्ट्री में शासकीय मूल्यांकन के अनुसार लगभग 55 लाख रूपये का स्टाम्प ड्युटी देय है, चूंकि विक्रय मूल्य एक बड़ी धनराशि है जिस कारण जमीन को बिक्री करने के लिये संस्था की ओर से अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति की जा रही थी जिसकी पूरी जानकारी रामानंद सिंह को मैनेजर होने के कारण थी और वह स्वयं संस्था की तरफ से भूमि बिक्री की औपचारिकताओं की पूर्ति में लगा हुआ था। जमीन के रजिस्ट्री के लिये स्टाम्प पेपर की खरीदी की जानी थी जिसके लिये 30 लाख रूपये नगद विनोद अग्रवाल और उनके 9 हिस्सेदारों द्वारा मेरे कार्यालय में दिनांक 25.07.2021 को पहुंचाया गया था और शेष 25 लाख रूपये एक सप्ताह बाद देने को बोले थे ताकि स्टाम्प खरीदी हेतु 55 लाख रूपये संस्था की ओर से मेरे द्वारा चालान के जरिये जमा कराया जाता। मेरे कार्यालय में 30 लाख रूपये नगद पड़े होने की जानकारी रामानन्द सिंह को थी और उसे 27 जुलाई को कार्यमुक्त कर दिया गया था। दिनांक 31.07.2021 को दिन के 01:00 बजे के करीब एक व्यक्ति मेरे कार्यालय में आया और अपने आप को आयकर अधिकारी होना बताकर मेरे पूरे कार्यालय को आयकर अधिकारियों द्वारा घेरे जाने की जानकारी देते हुए कहा कि अपने किसी पुरूष कर्मचारी को अपने मदद के लिये बुला ले जिससे आपके कार्यालय की पूरी जानकारी हो, क्योंकि मुझे आपके पूरे कार्यालय की तलाशी लेनी है। उस व्यक्ति के कहने पर मेरे द्वारा रामानन्द सिंह को फोन करने पर वह तत्काल कार्यालय आ गया और आते के साथ ही रामानन्द कहना शुरू कर दिया कि आयकर की रेड पड़ गयी है सिस्टर मामले को मैनेज करिये, नहीं तो मामला बिगड़ जायेगा। रामानन्द के बातों में हामी मिलाते हुये आने वाला व्यक्ति मुझ पर दबाव बनाने लगा कि अभी मैं कार्यालय के अंदर अकेले आया हूं, यदि पूरी टीम अंदर आ गई तो कुछ भी मैनेज नहीं होगा, इसलिये जो बात करना है, अभी तत्काल करो। इतने में रामानन्द सिंह कहने लगा कि स्टाम्प के लिये चालान पटाने वाला जो 30 लाख रूपये आया है, उसका कोई कागज हमारे पास नहीं है, इसके अलावा और कोई पैसा नगद में हमारे संस्था में नहीं है। इतने में वह व्यक्ति 30 लाख रूपये को दिखाने के लिये कहने लगा जबकि मैं 30 लाख रूपया अपने कार्यालय में नहीं होने की बात कह रही थी, लेकिन रामानन्द सिंह कहने लगा कि आयकर वालों को गलत जा नकारी देना ठीक नहीं है, तलाशी लेंगे तो पैसा मिल जायेगा, फिर मामला मैनेज नहीं होगा, कहकर आलमारी में रखे 30 लाख रूपये की ओर ईसारा करके बताने लगा कि पैसा इसी आलमारी में रखा जाता है। आया हुआ आयकर अधिकारी दबाव देकर आलमारी का जांच करने के लिये कहकर खुलवाकर 30 लाख रूपया आलमारी से ले लिया और उसके बारे में मेरे को डांट-डपट करने लगा कि ये पैसा कहां से लाये हो, इसका कागज दो और रामानन्द सिंह उस व्यक्ति का हाथ-पैर जोड़ने लगा कि साहब आप इस पैसा को आप ले जाओ, ऐसे भी ये पैसा जप्त हो जायेगा और सिस्टर बुजुर्ग हैं, इनको परेशान मत करिये, कभी भी ये ऐसे लफड़े में नहीं फंसी है, कहकर 30 लाख रूपये के बैग को लेकर वह व्यक्ति निकल गया और रामानन्द सिंह मेरे को डराने-धमकाने लगा कि 30 लाख रूपये देकर आयकर वालों से पीछा छूट गया है, नहीं तो इस उम्र में जेल हो जाता। रामानन्द सिंह के व्यवहार से मुझे शंका होने पर बाद में मैने कार्यालय के बाहर लगे सी.सी. फुटेज से उस आयकर अधिकारी के बारे में पता किया जो मालूम चला कि रामानन्द की महिला मित्र वंदना गुप्ता जो कि मितानिन कार्यक्रम में जिला समन्वयक है, का बहनोई राकेश गुप्ता रायगढ निवासी है। जिसके बारे में रामानन्द सिंह को कहे जाने पर शुरू में वह इंकार करता रहा, लेकिन बाद में दिनांक 14.08.2021 को स्टाफ के सामने पूछताछ किया गया तो रामानन्द सिंह पूरी बात को स्वीकार किया और बताया कि वो और वंदना गुप्ता ही पूरा योजना तैयार किये थे, जिसमें वंदना गुप्ता की बहन कमला गुप्ता और उसके पति राकेश गुप्ता को शामिल किया गया और योजना के तहत ही राकेश गुप्ता को आयकर अधिकारी बनाकर कार्यालय में रखे स्टाम्प के 30 लाख रूपये को वसूलने के लिये भेजा गया था और पूरा ड्रामा के अनुसार कार्यक्रम किया गया है। पकड़े जाने पर रामानन्द सिंह माफी मांगने लगा और पूरा 30 लाख रूपये को सबसे वसूल करके दो माह के भीतर रामनवमी तक वापस करने को कहा। उसके आश्वासन के कारण उसके विरूद्ध तत्काल में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराया गया, लेकिन अभी तक उसके द्वारा पैसा वापस नहीं किया गया है और संस्था के बारे में उल्टा-सीधा दुष्प्रचार कर रहा है, ताकि पैसा वापस न करना पड़े।

प्रार्थी ने पुलिस से मांग की है कि शिकायत पर आवश्यक कार्यवाही करते हुए रामानन्द सिंह, वंदना गुप्ता, राकेश गुप्ता एवं कमला गुप्ता के विरूद्ध अपराध दर्ज कर कार्यवाही की जाए।

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