जशपुर नगर । छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी, जशपुर जिला अध्यक्ष विनोद गुप्ता एवं महामंत्री संजीव शर्मा ने बताया कि केंद्र शासन ने अपने 47 लाख 14 हजार कर्मचारी-अधिकारियों तथा 68 लाख 62 हजार पेंशनरों को 1 जुलाई 2021 से 31 % महँगाई भत्ता/महँगाई राहत का स्वीकृति आदेश जारी किया है। लेकिन राज्य शासन अपने 4,06,727 कर्मचारी-अधिकारियों को 1 जुलाई 2021 के स्थिति में 17 % महँगाई भत्ता एवं तकरीबन 1.25 लाख पेंशनरों को 12 % महँगाई राहत दे रही है,जोकि न्यायसंगत नहीं है। गौरतलब है कि केंद्र के तुलना में राज्य के कर्मचारी-अधिकारियों को 14 % महँगाई भत्ता कम मिल रहा है। जोकि वेतन का भाग है।
पदाधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से सातवे वेतनमान के मूलवेतन पर गृहभाडा भत्ता पुनरीक्षित दर पर मिल रहा है। जबकि राज्य के कर्मचारियों को आज भी छठवें वेतनमान के मूलवेतन पर पुराने दर पर गृहभाडा भत्ता दिया जा रहा है। जोकि अनन्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि 5 वाँ वेतनमान (मध्यप्रदेश वेतन पुनरीक्षण नियम 1998,प्रभावशील 1/1/1996) से शिक्षक संवर्ग को केंद्र के समान वेतनमान स्वीकृत नहीं हुआ था।जोकि क्रमशः 6 वाँ वेतनमान (छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 1998, प्रभावशील 1/1/2006) तथा 7 वाँ वेतनमान (छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017, प्रभावशील 1/1/2016) में भी प्राचार्य,व्याख्याता,शिक्षक एवं सहायक शिक्षक के वेतनमान को न केवल कम किया साथ ही वेतन विसंगति भी उत्पन्न किया। शिक्षक संवर्ग को केंद्र के समान वेतनमान,सहायक शिक्षक पद पर सीधी भर्ती से नियुक्त शिक्षकों को तृतीय समयमान वेतनमान लेवल-12 (ग्रेड पे ₹ 5400) की स्वीकृति,प्राचार्य/व्याख्याता पद पर पदोन्नति,केंद्र के समान महँगाई भत्ता/गृहभाडा भत्ता,चार स्तरीय वेतनमान सहित 14 सूत्रीय माँगपत्र के निराकरण हेतु गठित पिंगुआ कमेटी के समक्ष 27/10/2021 को छत्तीसगढ़ कर्मचारी कर्मचारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा के अगुवाई में पक्ष रखा जाएगा। जिसके रणनीति का पुख्ता तैयारी पूर्ण कर लिया गया है।