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*माता की चुनरी यात्रा में उमड़ी श्रद्वालुओं की टोली नंगे पाव 8 किलोमीटर की पदयात्रा कर,अर्पित की 1151 फिट लंबी आस्था की चुनरी*

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कोतबा:- क्षेत्र के आस्था केंद्र गंझियाडीह जगदम्बा बनभौरी मंदिर में शुक्रवार को माता को विराट 1151 फीट विशाल चुनरी चढ़ाई गई। कोतबा के इस प्रसिद्व चुनरी यात्रा में शामिल होने के लिए कोतबा सहित आसपास के ग्रामीण अंचल से सैकड़ों की संख्या में श्रद्वालु कोतबा के सतीघाट शिव धाम में जुटे थे। शाम लगभग 4 बजे मंदिर समिति के नेतृत्व में यात्रा का शुभारंभ हुआ। इससे पहले श्री कमलेश शर्मा गुरूजी ने विधि विधान माता की पूजा अर्चना की। सतीघाट शिवधाम मंदिर से शुरू हुई चुनरी यात्रा मुख्यमार्ग से होते हुए परशुराम चौक,बस स्टेण्ड,कारगील चौक से कट कर मुख्यमार्ग पर हाईस्कूल बैगाबहार,डोंगदरहा होते हुए गंझियाडीह पहुंची। आठ किलोमीटर लंबी इस शोभा यात्रा में नवदुर्गा की झांकी श्रद्वालुओं के लिये विशेष आकर्षण का केन्द्र रहा। इस झांकी में बालिकाओं को नवदुर्गा के रूप में सजा कर,बैठाया गया था। पूरे 8 किलोमीटर तक,सड़क के दोनों ओर यात्रा के मार्ग में नवदुर्गा का दर्शन लाभ लेते रहे। इस यात्रा का स्वागत करने व माता की चुनरी को स्पर्श करने पूरे रास्ते में भक्त स्वागत करने के लिए खड़े थे। इसके साथ ही रास्ते मे जगह -जगह पर पानी व शर्बत,ठण्डा,आइसक्रीम की व्यवस्था धर्मप्रेमी लोगो द्वारा जगह जगह पानी शर्बत कोल्डड्रिंक की विशेष व्यवस्था की गई थी जिसमे सुनील शर्मा , सुमित शर्मा, मोनू शर्मा , पिंटू अग्रवाल , विकाश अग्रवाल, सुखसागर अग्रवाल बंसत गुप्ता अनिल गुप्ता बिरजू गुप्ता, जीनु शर्मा व अन्य श्रद्वालुओ ने की थी। प्रारंभ से ही बड़ी संख्या में श्रद्घालु शामिल हुए थे और रास्ते में श्रद्घालुओं की संख्या बढ़ती गई। चौक, चौराहों से बड़ी संख्या में श्रद्घालु यात्रा में जुड़ते गए। शाम करीब सात बजे चुनरी यात्रा गंझियाडीह बनभौरी देवी मंदिर पहुंची। यहां मार्गदर्शक कमलेश शर्मा गुरुजी आचार्य मनीष कृष्ण शास्त्री व अनुष्ठान में यज्ञाचार्य पं परमानंद शास्त्री काशी लैलूंगा वाले के आचार्यत्व में सहगामी पं नीलेश पाण्डेय, रमाकांत शास्त्री ,पं उपेंद्र सतपथी ,ओर दीपक शुक्ला आचार्य बलराम ब्रजवासी उपस्थिति में विधिवत पूजा कर माता को चुनरी चढ़ाया गया। जिले में अपने तरह के इस अनोखी माता की चुनरी यात्रा की विशेषता है कि 8 किलोमीटर लंबी इस चुनरी यात्रा में माता की चुनरी को महिलाएं और बालिका एं ही उठाती है। सतीधाम से लेकर गंझियाडीह के बनभौरी देवी मंदिर के बीच,चुनरी कहीं भी जमीन से स्पर्श ना करे,इसका खास ध्यान रखा जाता है। कोतबा में चैत्र नवरात्र में यह परम्परा तीन साल से चली आ रही है। माता की इस यात्रा को लेकर युवा वर्ग में भी खासा उत्साह देखा जाता है। माता की चुनरी यात्रा और इसमें उमड़ने वाले श्रद्वालुओं की भारी संख्या को देखते हुए,पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की हुई थी। श्रद्वालुओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने सती धाम से यात्रा निकलने से काफी पहले ही स्टेट हाईवे पर दोनों ओर से यातायात को पूरी तरह से रूकवा दिया था। यात्रा की सुरक्षा और व्यवस्था बनाएं रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस जवान तैनात किये गए थे। रैली के साथ भी पुलिस के जवान चल रहे थे। वहीं,नगर पंचायत ने श्रद्वालुओं की सुविधा के लिए यात्रा शुरू होने से ठीक पहले,यात्रा वाले मार्ग पर पानी का छिड़काव कर दिया था,जिससे श्रद्वालुओं को धूल की समस्या ना हो।
आसमान से बरसा मां का आशिर्वाद –
माता की भक्ति और श्रद्वा के आगे,आज मौसम भी नतमस्तक नजर आया। श्रद्वालुओं को राहत देने के लिए आसमान ने भी सूरज को को अपने आंचल में छिपा लिया। इससे नंगे पांव यात्रा कर रहे श्रद्वालुओं को बड़ी राहत मिली। हालांकि माता की भक्ति में डूब कर जयकारा लगाते हुए,जब नंगे पांव आगे बढ़ते हैं तो ना तो उन्हें चिलचिलाती धूप की चिंता रहती है और ना ही बरसते हुए पानी का।

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