दोकड़ा।बगिया में आयोजित दो दिवसीय अखिल भारतीय कंवर समाज विकास समिति का वार्षिक सम्मेलन का शुक्रवार को समापन हुआ। दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन में समाज के केंद्र स्तर के पदाधिकारी सहित क्षेत्र के बड़ी संख्या में समाज के लोग शामिल हुए।वार्षिक सम्मेलन के मुख्य अतिथि रोहित साय पूर्व विधायक कुनकुरी, सुशीला साय के अध्यक्षता तथा इस अंचल स्तरीय सम्मेलन के संयोजक कौशल्या देवी साय, अंचल के अध्यक्ष दशमत साय के गरिमामय उपस्थिति में सम्मेलन का आयोजन हुआ।इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी हुआ जिसमें अंचल के अलावा खुंटापानी पूसरा एवं अन्य गांव से भी समाज के बंधु उपस्थित हुए थे। दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन के दौरान समाज के पदाधिकारीयों द्वारा विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें समाज के विकास के हित में अनेक चर्चा की गई, खासकर समाज के लोगों में अपने आने वाले पीढ़ी को शिक्षा के उच्च स्तर पहुंचाकर उन्हें शिक्षित करना, /और नशा मुक्ति को लेकर भी विशेष रूप से रोकने के लिए समाज के लोगों ने बीड़ा उठाया है। इस मौके पर पर संयोजक कौशल्या देवी साय ने अपने उद्बोधन में कही की इस तरह के आयोजन से समाज के लोगों में एकता बनी रहती है, और मजबूती भी बढ़ती है। समाज के लोगों को समाज के हित में अनेक दिशा में कार्य करने की जरूरत है, जिससे समाज की विकास हो सके। जनपद पंचायत सदस्य सुशीला साय ने भी अपने उद्बोधन में कहा हमारी संस्कृति हमारी धरोहर है, इसे बचाकर रखना है, हमारी आने वाली पीढ़ी सीखेगी आदिवासी रिती रिवाज पूजा पाठ कैसे किया जाता है,और कैसे होता है। इस मौके पर मुख्य अतिथि रोहित साय जी अपने उद्बोधन में कहा शिक्षा के बिना समाज व देश का विकास संभव नहीं है। शिक्षा समाज का दर्पण होता है शिक्षा के माध्यम से विकास के शिखर पर पहुंचा जा सकता है। इस मौके पर अनत राम पैंकरा न्याय समिति अध्यक्ष केन्द्रीय कार्यालय पमशाला,स्वधा साय महिला प्रभाग अध्यक्ष केन्द्रीय कार्यालय पमशाला, हरिशंकर साय,युवा प्रभाग अध्यक्ष अध्यक्ष केन्द्रीय कार्यालय पमशाला, आर एन साय, पूर्व ज्वाइंट कमिश्नर सेलेक्स , उपेन्द्र सिंह पैंकरा प्रदेश उपाध्यक्ष कंवर समाज, लालजीत साय, शहर साय, पार्वती साय जनपद पंचायत सदस्य कांसाबेल, राजेश साय चेटबा सरपंच, राजकुमारी साय बगिया सरपंच, ओमप्रकाश साय, हिरामती पैंकरा, रामजीत साय, नवरंग साय , शिवनारायण साय, शिवबालक साय, धनेश्वर साय,असुनदेव साय, अटल बिहारी साय, एवं बड़ी संख्या में समाज के लोग मौजूद रहे।