जशपुरनगर। दहेज प्रताड़ना के एक मामले में पुलिस ने 3 आरोपियों को पतासाजी कर गिरफ्तार करने की बात कही है। मामले में आरोपियों को कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी थी और वे बंधपत्र थाने में पेश कर बाहर थे। घटना दुलदुला थाना क्षेत्र की है। घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दुलदुला थाना क्षेत्र की रहने वाली 22 वर्षीय महिला ने थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई कि इसका विवाह दिनांक 21 अप्रैल 2021 को सामाजिक रीति-रिवाज के अनुसार उमेश यादव के साथ हुआ था। विवाह पश्चात् आवेदिका का पति उमेश यादव, जेठ मिथलेश यादव एवं उमेश का जीजा शंकर यादव के द्वारा प्रार्थिया को दहेज नहीं लाई हो कहकर मारपीट कर शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था। आवेदिका की रिपोर्ट पर थाना दुलदुला में आरोपियों के खिलाफ भादवि की धारा 498 ए, 323, 34 के तहत् अपराध पंजीबद्ध के तहत् अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।
दुलदुला पुलिस का कहना है कि प्रकरण की विवेचना दौरान थाना दुलदुला पुलिस द्वारा तत्परतापूर्वक कारवाई करते हुये पतासाजी कर प्रकरण के उपरोक्त तीनों आरोपियों को अभिरक्षा में लिया गया। मामले में आरोपियों के विरूद्ध अपराध का सबूत पाये जाने पर आरोपीगण उमेश यादव उम्र 28 वर्ष, मिथलेश यादव उम्र 34 वर्ष दोनों निवासी ग्राम ओड़का थाना बगीचा एवं शंकर यादव उम्र 40 वर्ष निवासी ग्राम डुमरटोली थाना बगीचा को दिनांक 21 जनवरी 2022 को गिरफ्तार किया गया है।
प्रकरण की विवेचना एवं आरोपीगणों को गिरफ्तार करने में निरीक्षक संतोष सिंह, स.उ.नि. हीरालाल बाघव, प्र.आर. 16 ढलेष्वर यादव एवं अन्य स्टॉफ की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
आपको बता दें कि तीनों आरोपियों को अपर सत्र न्यायालय कुनकुरी से 19 जनवरी को अग्रिम जमानत दी गई थी। जिसके आदेश की सत्यापित कॉपी लेकर वे 21 जनवरी को थाने पहुंचे थे और पेश किए थे। जहां उन्हें बंध पत्र भरवाकर फिर गिरफ्तार किया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस मामले में अपनी वाहवाही लूटने के लिए आरोपियों को पतासाजी कर गिरफ्तार करने की बात क्यों कह रही।
“कानून की एक तय प्रक्रिया होती है। अग्रिम जमानत होने के बाद रेगुलर जमानत कराना होता है। जिसके लिए संबन्धित थाने में आरोपियों की विधिवत गिरफ्तारी की जाती है।”
विजय अग्रवाल, एसपी