कोतबा,जशपुरनगर:- जशपुर जिले में शिक्षा के मंदिर को शर्मसार करने वाली एक और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जिले के अंतिम छोर में पत्थलगांव विकासखंड के ग्राम पंचायत सुरंगपानी स्थित शासकीय माध्यमिक शाला में पदस्थ प्रधान पाठक गणेश राम चौहान पर दो दर्जन से अधिक नाबालिग आदिवासी छात्राओं ने यौन उत्पीड़न, मानसिक प्रताड़ना और अभद्र व्यवहार का गंभीर आरोप लगाया है। शिक्षिकाओं से दुर्व्यवहार शराब के नशे में विद्यालय आने की पुष्टि होने के बाद भी हैरत की बात यह है कि अति संवेदनशील मामला होने और जांच में तथ्यों की पुष्टि होने के बावजूद पिछले 15 दिनों से विभाग हाथ पर हाथ धरे बैठा है, जिससे छात्राओं पालकों शिक्षकों सहित ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।
संस्था में अध्ययनरत छात्राओं द्वारा की गई लिखित शिकायत और बयानों में रोंगटे खड़े कर देने वाले तथ्य सामने आए हैं। पीड़ित दर्जनों छात्राओं व इसके साथ ही वहाँ पदस्थ दो महिला शिक्षिकाओं ने भी दुर्व्यवहार व मानसिक रूप से आहत करने का आरोप लगाते हुये कार्यवाही की मांग की है।मामले को लेकर बालिकाओं सहित शिक्षिकाओं ने संस्था के प्राचार्य दिनकर को लिखित शिकायत कर कार्यवाही की मांग की।इसके बाद प्राचार्य ने जिला शिक्षा अधिकारी व पत्थलगांव ब्लॉक शिक्षा अधिकारी को जाँच कर कार्यवाही करने लिखित शिकायत पत्र जारी किया.शिकायत को गंभीरता से लेते हुये बीईओ ने टीम गठित कर इसकी जांच की तो चौकाने वाले तथ्य सामने आये हैं।जांच टीम ने बालिकाओं सहित संस्था की महिला शिक्षिकाओं का बयान लिया।बालिकाओं ने अपने बयान में बताया हैं कि प्रधान पाठक गणेश राम चौहान अक्सर शराब के नशे में स्कूल आते हैं। अध्यापन के दौरान वे शिक्षा देने के बजाय छात्राओं के गुप्तांगों और कपड़ों को लेकर अश्लील टिप्पणियां करते हैं और भद्दी गालियों का प्रयोग कर उनकी लज्जा भंग करते हैं। आरोप यह भी है कि प्रधान पाठक छात्राओं को अपने घर बुलाकर उनसे कपड़े साफ करवाते हैं। इतना ही नहीं, विरोध करने या बात न मानने पर उन्हें स्कूल के सीलिंग फैन में उल्टा टांगने और उनके शारीरिक अंगों को लेकर बेहद आपत्तिजनक बातें कहकर क्लास रूम में ही सबके सामने जलील किया जाता है।वही छात्रों ने भी दिए बयान में बताया कि प्रधान पाठक गणेश राम चौहान शराब के नशे में धुत होकर क्लास लेने आते है। उनके मुंह से शराब की गंध आती हैं। कुछ बात करने पर उल्टा लटका कर जान से मार देने की बात कहते हुए धमकाते है।
*0.महिला शिक्षिकाओं को बस्तर भेजने की धमकी*
प्रधान पाठक की प्रताड़ना से केवल छात्राएं ही नहीं, बल्कि स्कूल की महिला शिक्षिकाएं भी त्रस्त हैं। संस्था की दो महिला शिक्षिकाओं ने भी प्रधान पाठक पर दुर्व्यवहार और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। शिक्षिकाओं का कहना है कि जब वे इसका विरोध करती हैं, तो प्रधान पाठक उन्हें डराते हुए “बस्तर के जंगली इलाकों में ट्रांसफर करवा देने” की धमकी देते हैं।
*जांच में पुष्टि फिर भी कार्यवाही नही*
पीड़ित छात्राओं और शिक्षिकाओं ने इस पूरे मामले की लिखित शिकायत संस्था के प्राचार्य दिनकर से की थी। प्राचार्य ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पत्थलगांव बीईओ (BEO) को पत्र लिख कार्यवाही की मांग की। बीईओ द्वारा गठित जांच टीम ने स्कूल पहुंचकर छात्राओं और शिक्षिकाओं के बयान दर्ज किए। सूत्रों के मुताबिक, जांच में प्रधान पाठक के विरुद्ध लगाए गए सभी आरोपों की पुष्टि हो चुकी है और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। बावजूद इसके, शिकायत के 15 दिन बीत जाने के बाद भी आरोपी प्रधान पाठक के खिलाफ कोई ठोस विभागीय या कानूनी कार्यवाही नहीं की गई है। विभाग की यह उदासीनता संदेह के घेरे में है।
*बगीचा कांड के बाद भी नहीं जागा प्रशासन*
गौरतलब है कि जशपुर जिले के बगीचा में हाल ही में एक बालिका द्वारा यौन उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि शिक्षा विभाग में मानवता को शर्मसार करने वाली यह दूसरी बड़ी घटना सामने आ गई है। ऐसे गंभीर मामलों में त्वरित कार्यवाही न होना प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है।
*पालकों की मांग आरोपी पर लगे एट्रोसिटी एक्ट*
अपने बच्चों के साथ हो रहे इस घिनौने कृत्य और विभाग की लेटलतीफी से पालकों का गुस्सा फूट पड़ा है। पालकों ने प्रशासन से मांग की है कि आरोपी शिक्षक गणेश राम चौहान को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाए और उसके खिलाफ पॉक्सो एक्ट (POCSO) सहित आदिवासी एक्ट (SC/ST Act) की गंभीर धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जेल भेजा जाए। पालकों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो वे उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
*”हाँ, मुझसे गलती हुई है, मैंने शराब का सेवन किया था।*
जब मामले को लेकर मीडिया ने आरोपी प्रधान पाठक गणेश राम चौहान से बात की तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि “मैं एक दिव्यांग व्यक्ति हूँ, कृपया मुझे माफ़ कर दें। मुझ पर जितने भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह सही नहीं हैं। मैंने छात्राओं से उतनी अश्लील बातें नहीं की थीं, केवल शिक्षिकाओं (मैडम) के साथ थोड़ी कहासुनी हो गई थी।
जहाँ तक दो बच्चियों से कंबल धुलवाने की बात है, तो मैंने उनके घर जाकर उनकी माँ को 200 रुपये देकर यह काम करवाया था। मैंने प्राचार्य को दिए गए आवेदन में भी अपनी गलती स्वीकार की है। शराब के नशे में होने के कारण छात्राओं और शिक्षिकाओं के साथ दुर्व्यवहार हुआ था। मैं वचन देता हूँ कि दोबारा ऐसी गलती नहीं करूँगा।”
वर्शन:-प्राचार्य,शा.उ.मा. वी.सुरंगपानी
तुलाराम दिनकर
छात्राओं के शिकायत पर तत्काल मेरे द्वारा बीईओ पत्थलगांव को जानकारी दी गई थी। मामले में जाँच भी हुई जिज़मे आरोपो की पुष्टि भी हुई है। आगे की कार्यवाही उच्चाधिकारि करेंगे।
वर्शन:- देवानंद आर्य बीईओ पत्थलगांव
मामले की शिकायती प्राप्त हुई थी। गंभीरता से लेते हुए जाँच टीम गठित कर जाँच प्रतिवेदन उच्चाधिकारियों को सौंपा गया है।उनके निर्देशानुसार उचित कार्यवाही की जाएगी।

