Site icon Groundzeronews

*बिग ब्रेकिंग:-दिव्यांग बच्चियों के दैहिक शोषण मामले में परिजन बैठे धरने पर, कहा अभी तो आगाज़ है न्याय नहीं मिला तो करेंगे उग्र आंदोलन…जशपुर के लिए शर्मसार कर देने वाली घटना है कि शासकीय दिब्यांग प्रशिक्षण केंद्र में सरकारी दरिंदो ने दिब्यांग बच्चियों से किया था अनाचार..आखिर जशपुर किस ओर बढ़ रहा..?*

 

जशपुर(राकेश गुप्ता):- खबर जशपुर से आ रही हैं जहाँ जिला मुख्यालय में दिब्यांग प्रशिक्षण केंद्र जशपुर में हुए दिब्यांग बच्चियों से अनाचार के मामले में परिजन अब न्याय की मांग को लेकर पूर्व निर्धारित समय पर एक दिवसीय धरने पर बैठ गये हैं।बताया जा रहा है कि परिजन बच्चियों से हुए अनाचार के मामले लगातार न्याय की मांग करते हुए बाकि आरोपियों पर fir करने की मांग कर रहे थे।आपको बता दें कि जशपुर के इतिहास में पहली बार पूरे देश के अंदर शर्मसार करने वाली घटना एक सरकारी विभाग के अंदर ही हुई।जिसमें दिब्यांग प्रशिक्षण केंद्र जशपुर के अंदर करीब छः दिब्यांग बच्चियों के साथ वहां मौजूद सरकारी कर्मचारियों ने ही अनाचार किया था।जिस घटना का पर्दाफान्स होते ही सत्ता पक्ष के नेताओं के साथ साथ विपक्ष भी सरकार हावी हो चुकी थी।जिसके बाद तत्काल मामले को दबाने शासन प्रशासन के द्वारा दो तथाकथित आरोपियों की गिरफ्तारी करते हुए जेल भेजा गया।वहीं परिजनो के द्वारा लगातार मांग किया जा रहा था कि इस पूरे घटना की शुक्ष्मता से उच्च स्तरीय जांच कराना चाहिये।घटना होने के इतने दिनों बाद fir क्यों किया गया?घटना किसके संरक्षण में हुआ?घटना होने के बाद परिजनों को नाबालिक दिब्यांग बच्चियों से मिलने क्यों नही दिया गया?घटना में कौन कौन आरोपी सामिल थे?रिपोर्ट करने में इस मामले को किसने दबाया किसने छुपाया?जैसे सवालों की जांच की मांग की जा रही थी।वहीं संस्था के स्थापना को लेकर भी कई सवाल उठे जहां नाबालिक और दिब्यांग बच्चियों के लिए खोला गया संस्था में नाबालिकों बच्चों पर कार्य करने वाला संस्था बाल कल्याण समिति,चाइल्ड लाइन या फिर राज्य सरकार से कोई अनुमति क्या लिया गया था?वहीं अगर गुप्त सूत्रों की बातें माने तो इस घटना के बाद ही जशपुर कलेक्टर और sdm का जशपुर से ट्रांसफर अन्यंत्र स्थान पर हुआ था तो मामला को छोटे रूप में नही देखा जा सकता।जो भी हो परन्तु जशपुर के लिए यह शर्मसार कर देने वाली घटना है कि पहली बार पीड़ितों के परिजनों को न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठना पड़ रहा है।बहरहाल जो भी हों परन्तु नाबालिक दिब्यांग बच्चियों के परिजनों के द्वारा न्याय की मांग को लेकर धरने पर बैठने पर जिले की एक बार पुनः राजनीति पारा भी बढ़ा दिया है।

Exit mobile version