जशपुर/सन्ना(राकेश गुप्ता की रिपोर्ट):- जशपुर जिले में एक से बढ़ कर एक भ्रष्टाचार का मामला लगातार निकल कर सामने आ रहा है जिससे प्रदेश सरकार की छवि भी लगातार धूमिल हो रही है।वहीं जशपुर जिले से एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने जैसा ताजा और अनोखा भ्रष्टाचार निकल कर आया है जिसे जान कर आपके भी होश उड़ जायेंगे।
पूरा मामला जशपुर जिले के बगीचा ब्लाक की है जहां आये दिन नये नये भ्रष्टाचार उजागर होते ही रहते हैं।ताजा मामला अब इसी ब्लाक के अंतर्गत ग्राम पंचायत खखरा से निकल कर आ रही है। जहां बताया जा रहा है की करीब आधा दर्जन मृत व्यक्तियों का नाम से शासकीय राशि का सालों से बन्दबाँट किया जा रहा है।यह भ्रष्टाचार का पूरा खेल मनरेगा में चल रहे कार्य में फर्जी हाजरी भर कर किया जा रहा है। मनरेगा में ग्राम पंचायत से लेकर ब्लाक स्तर के संलिप्त कर्मचारीयों के मिलीभगत से शासकीय राशि का फर्जी रूप से आहरण करके बन्दरबांट किया जा रहा था।
आपको बता दें कि यह भ्रष्टाचार तब जा कर उजागर हुआ जब ग्राम पंचायत में सामाजिक आंकेक्षण करने कुछ ऑडिटर पहुंचे और ग्राम पंचायत में मनरेगा के अंतर्गत हो रहे सभी कार्यों का आंकेक्षण किया जिसके बाद ऑडिटरों के द्वारा ग्राम पंचायत में ग्राम सभा का आयोजन किया गया जिसमें ग्रामीण भी पहुंचे वहीं ऑडिटरों के द्वारा जब मृत व्यक्तियों के नाम से हाजरी भरने की बातें सबके सामने बताई गई तो ग्रामीणों ने जोरदार विरोध कर दिया और फिर क्या था फिर ग्रामीणों ने भी हंगामा शुरू कर दिया।और ग्राम सभा मे पूरी तरह से विवाद उत्पन्न हो गयी।जहां ग्रामीण चिल्लाने लगे कि ये लोग मृत व्यक्ति के नाम से आखिर कैसे राशि निकाल रहे हैं मृत व्यक्तियों में कुछ तो ऐसे हैं जिनका मृत्यु सात आठ साल पहले ही हो चुका है।वहीं ग्राम सभा मे दी गयी जानकारी अनुसार आज भी उनका हाजरी मनरेगा के कार्यों में भरा जा रहा है और उनका राशि किसी दूसरे के खाते में डाल कर राशि का बन्दरबांट किया जा रहा है।वहीं ग्रामीणों ने यह भी गम्भीर आरोप लगाया कि ये लोग मृत व्यक्तियों का हाजरी तो भर रहे हैं और उनका राशि अपने खाते में डलवा रहे हैं वहीं हम जैसे गरीब लोग मनरेगा में सालों से मजदूरी कर रहे हैं परन्तु हमे मजदूरी राशि नही दिया गया है।ग्रामीणों ने बताया कि इन सबमें जनपद के कर्मचारियों का मिलीभगत है।
आपको बता दें कि बगीचा ब्लाक में महात्मा गांधी रोजगार गैरन्टी योजना में लगातार लाखों रुपये का घोटाला भ्रष्टाचार निकल कर सामने आ रहा है।पिछले समय मे बगीचा ब्लाक के अंतर्गत कमारिमा ग्राम पंचायत में भी मनरेगा अंतर्गत लगभग 18 लाख का घोटाला करना ग्रामीणों के आरोप के बाद सिद्ध हो गया है जिसमें सरपंच-सचिव, इंजीनियर,एसडीओ,सहित छः लोगो के विरुद्ध नोटिश भी जारी किया गया था।जिसके बाद ग्राम पंचायत हर्राडिपा में भी मनरेगा में काफी मात्रा में भ्रष्टाचार करना देखा गया था जहां एक मामले में शासकीय सार्वजनिक तालाब के नाम पर लाखों रुपये अधूरा बना कर राशि का बन्दरबांट करते हुए तालाब में सरपंच के द्वारा धान बो दिया गया था।वहीं अब पुनः ग्राम पंचायत खखरा में मानवता को पूरी तरह शर्मसार करने वाला भ्रष्टाचार सामने आया है जहां अब मृत व्यक्तियों को भी भ्रष्टाचारी लोग नही बक्स रहें और उनके नाम से राशि निकाल कर बन्दबाँट कर रहे हैं।इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि ग्राम पंचायत के सरपंच और मेट मुंशी के द्वारा मृत व्यक्तियों का फर्जी हाजरी तो भरा जा रहा था परन्तु मृत व्यक्तियों के जॉब कार्ड में दूसरे व्यक्तियों का खाता नम्बर आखिर कैसे एड हुआ..? क्या बिना जांचे देखे ही खाता नम्बर को एड कर दिया जाता था..? क्या अधिकारी और कर्मचारियों को इसका बिल्कुल ज्ञान नही था कि जिनके नाम से वो लगातार राशि भेज रहे थे वो मृत हैं..? आखिर सात आठ साल बित जाने के बाद भी मृत व्यक्ति की जानकारी ग्रामीणों को नही लगी थी क्या..? मामले में इंजीनियर आखिर इन कार्यों का एमआईएस बिना देखे जांचे ही कर देता था क्या..? बताया जाता है जॉब कार्ड बनाने का कार्य और उसमें फर्जी खाता नम्बर एड करने का कार्य जनपद पंचायत बगीचा के तथाकथित अधिकारी और कर्मचारियों के मिलीभगत से होता है।
बहरहाल भ्रष्टाचार को लेकर लगातार सुर्खियों में रहने वाला बगीचा ब्लाक में फिर से चौंका देने वाला भ्रष्टाचार सबके सामने निकल कर आ गया है उसके बाद अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आखिर जिला प्रशासन इन भ्रष्टाचारियों पर क्या कार्यवाही करती है..?या फिर वही पूर्व की भांति जांच के नाम पर लीपापोती करते हुए भ्रष्टाचारी सरपंच,पंचायत और जनपद के अधिकारी कर्मचारियों को क्लीन चिट दे दिया जायेगा..?बहरहाल इस पूरे भ्रष्टाचार के खिलाफ इस बार ग्रामीणों ने भी कमर कस लिया है बताया जा रहा है कि कार्यवाही नही होने की स्थिति में ग्रामीण आमरण अनशन पर बैठ सकते हैं।विधानसभा चुनाव भी नजदीक है और पूर्व की भांति भ्रष्टाचारियों पर कार्यवाही के नाम पर साल दो साल बिताने पर इसका खामियाजा सरकार को ना भुगतना पड़ जाये।
ग्राम सभा मे शराब पी कर पहुँचे शराबी सरपंच चुन्नीलाल ने बताया कि वह थोड़ा शराब पी कर आया है और यह भ्रष्टाचार मेट मुंशी के द्वारा किया गया है।
सामाजिक आंकेक्षण करने आये ऑडिटरों ने बताया कि ग्राम पंचायत खखरा में हमारे द्वारा पांच दिनों तक आडिट किया गया है जिसमें वहां के कर्मचारियों के द्वारा मृत व्यक्ति के नाम पर हाजरी भर कर राशि आहरण कर लिया गया है।जहां फर्जी मस्टररोल भी भरा गया है।
*इस पूरे मामले में जब हमने जिला पंचायत सीईओ जितेंद्र यादव से बात किया तो उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी मिली है और जल्द ही इस मामले में जांच के बाद कार्यवाही की जायेगी।*