जशपुरनगर:- ऐसे तो हार्ट अटैक काफी पुरानी बीमारी है लेकिन कोरोना के बाद से लगातार देखा जा रहा है कि यह एक संक्रामक बीमारी की तरह आम हो गई है ।आए दिन हमें देखने और सुनने को मिल रहा है कि अपने शहर में आसपास में किसी व्यक्ति की मृत्यु हार्ट अटैक से हो गई है। ऐसे समय में जरूरत है हमें इस साइलेंट किलर से बचाव के उपाय की जानकारी होना ,और ऐसे शास्त्रगत उपाय को भी जानना जिससे हार्ट अटैक की स्थित न आए ।
हमारे देश भारत में 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे, उनका नाम था महाऋषि वागवट जी। उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी जिसका नाम है अष्टांग हृदयम। (Astang hrudayam)
और इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्र लिखें थे यह उनमें से ही एक सूत्र है! वागवट जी लिखते हैं कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है मतलब दिल की नलियों मे ब्लॉकेज होना शुरू हो रहा है! तो इसका मतलब है कि रक्त (blood) में, अम्लता (acidity) बढ़ी हुई है!
अम्लता आप समझते हैं! जिसको अँग्रेजी में कहते हैं एसिडिटी। अम्लता दो तरह की होती है, एक होती है पेट की अम्लता और एक होती है रक्त (blood) की अम्लता। आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे कि पेट में जलन सी हो रही है! खट्टी खट्टी डकार आ रही हैं! मुंह से पानी निकल रहा है!
और अगर ये अम्लता (acidity) और बढ़ जाये तो पित्त बनेगा (hyperacidity)! और यही पेट की अम्लता बढ़ते बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता (blood acidity) होती है! और जब रक्त में अम्लता बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में ब्लॉकेज कर देता है! तभी हृदय घात होता है इसके बिना हृदय घात नहीं होता।
और ये आयुर्वेद का सबसे बड़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको नहीं बताता, क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है!
इलाज क्या है?
वागवट जी लिखते हैं कि जब रक्त में अम्लता (acidity) बढ़ गई है तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय (alkaline) हैं। आप जानते हैं दो तरह की चीजें होती हैं, अम्लीय और क्षारीय (acidic and alkaline)!
अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है?
न्यूट्रल (neutral) होता है सब जानते हैं! तो वागवट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय (alkaline) चीजें खाओ! तो रक्त की अम्लता (acidity) न्यूट्रल हो जाएगी! और रक्त में अम्लता न्यूट्रल हो गई तो हृदय घात की जिंदगी में कभी संभावना ही नहीं!
ये है सारी कहानी!
अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें? आपके रसोई घर में ऐसी बहुत सी चीजें है जो क्षारीय हैं जिन्हें आप खायें तो कभी हृदय घात नहीं आएगा और अगर आ गया है तो दुबारा नहीं आएगा।
यह हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीज क्या हैं और सब घर में आसानी से उपलब्ध रहती हैं, तो वह है लौकी, जिसे दुधी भी कहते हैं। अंग्रेजी में इसे कहते हैं बोटल गॉर्ड (bottle gourd) जिसे आप सब्जी के रूप में खाते हैं! इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज है ही नहीं!
तो आप रोज लौकी का रस निकाल निकाल कर पियो या कच्ची लौकी खाओ! वागवट जी कहते हैं कि रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है तो आप लौकी के रस का सेवन करें!
कितना सेवन करें?
रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो!
कब पिये?
सुबह खाली पेट (टॉयलेट जाने के बाद) पी सकते हैं या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते हैं। इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं। इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो। तुलसी बहुत क्षारीय है, इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं। पुदीना भी बहुत क्षारीय है। इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले, ये भी बहुत क्षारीय है। लेकिन याद रखें नमक काला या सेंधा ही डाले, वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले। ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है।
तो आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करें। 2 से 3 महीने की अवधि में आपकी सारी हृदय की ब्लॉकेज को ठीक कर देगा। 21वें दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा। कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी। घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा और आपका अनमोल शरीर और लाखों रुपए आपरेशन के बच जाएँगे ।