जशपुरनगर:- प्रदेश के मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा ने प्रदेश के नवीन पुलिस रेंजों का गठन किया है ।जिसमें
बिलासपुर रेंज में जशपुर जिले को शामिल किया है सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि डी आई जी रायगढ़ के अंतर्गत जिला जशपुर को भी शामिल किया है ।
उक्त समाचार प्रकाशित होते ही प्रदेश के पूर्व मंत्री अखिल भारतीय जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक एवम कद्दावर आदिवासी नेता गणेश राम भगत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।श्री भगत ने कहा कि जशपुर जिला आदिवासी बाहुल्य जिला है और इसकी सीमा झारखण्ड और उड़ीसा राज्यों से लगी है जिसके कारण लगातार जिले में नक्सलियों और बड़े अपराधियों की आवाजाही लगी रहती है।जिन पर नियंत्रण के लिए जिले में पुलिस महकमा को मजबूत रखना आवश्यक होता है और इसी लिए प्रदेश की भाजपा सरकार ने जशपुर को सरगुजा रेंज के अंतर्गत रखा था ताकि बड़ी घटनाओं पर तत्काल कार्यवाही हो सके।और जिले से मात्र 150 किमी दूर सरगुजा में पुलिस महानिरीक्षक और कमिश्नर कार्यालय होने से गरीब जनता आसानी से पहुँचकर अपनी शिकायत दर्ज कराया जा रहा था और उन्हें त्वरित न्याय भी मिल रहा था ,लेकिन प्रदेश की कांग्रेस सरकार आदिवासी विरोधी है इसका प्रमाण यही है कि प्रदेश सरकार के द्वारा जशपुर जिले की बहुसंख्यक आदिवासी जनता को मात्र परेशान करने की नीयत से जिले से 350 किमी दूर बिलासपुर रेंज में जशपुर को शामिल किया गया है ।उन्होंने कहा कि इसी तरह पूर्व की भाजपा सरकार के द्वारा जिले के नागरिकों की सुविधा की दृष्टि से सरगुजा कमिश्नर के न्यायालय का लिंक कोर्ट जशपुर में स्थापित किया था जिससे जिले के गरीबो को कम खर्च में त्वरित न्याय मिल रहा था उसे भी प्रदेश की कांग्रेस सरकार के द्वारा बन्द कर दिया गया है।और सबसे बड़ी बात है कि जिले की अस्मिता से जुड़े इन प्रमुख विषयों पर जिले के तीनों आदिवासी विरोधी विधायक चुप्पी साधे हुए हैं।
श्री भगत ने कहा कि राज्य सरकार इस निर्णय में जल्द से जल्द बदलाव करते हुए जशपुर जिले को सरगुजा रेंज में पुनः शामिल करें अन्यथा बाध्य होकर जशपुर जिले के नागरिकों के हित मे प्रदेश सरकार के विरुद्ध सड़कों पर उतरना होगा ।