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*मुख्यमंत्री के जशपुर आने से पहले ही शुरू हुआ जिला स्वास्थ्य विभाग में बड़ा विवाद….स्वास्थ्य विभाग में अब इस नये कारनामे को लेकर स्वयं सेवी संगठनों में पनपा आक्रोश और गम्भीर आरोपों से भरा आवेदन कलेक्टर को लिखित में पकड़ा दिया ….पढिये पूरी खबर ग्राउंड जीरो न्यूज पर..।*

 

जशपुरनगर:जशपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग से एक बार फिर बड़ी खबर निकल कर आ रही है।जहां जिला चिकित्सालय जशपुर फिर से सवालों के घेरे में आ गया है।आपको बता दें कि 12 करोड़ के घोटाले का अभी तक पूरी तरह निराकरण हुआ ही नही था कि अब फिर से जिला चिकित्सालय की कार्यप्रणाली पर जिले के ही कुछ स्वयं सेवी संगठनों ने गम्भीर आरोप लगाते हुए कलेक्टर जशपुर से लिखित शिकायत किया है।पूरा मामला यह है कि बीते कुछ दिन पूर्व ही जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को आहार भोजन देने के लिए जिला अस्पताल द्वारा निविदा निकाला गया था जिसमें कई समूहों ने फार्म भी भरा था वहीं अब बताया जा रहा है कि दो माह पूर्व ही उसे निरस्त कर फिर से निविदा निकाला गया जिसमें आरोप है कि ऐसा नियम लागू किया गया कि जिस नियम के तहत सिर्फ एक ही व्यक्ति को लाभ पहुंचाया जा सके जिसका हमेशा से निविदा पास किया जाता है।महिला स्व साहयता समूह और स्वयं सेवी संगठन ने स्वास्थ्य विभाग पर और भी कई गम्भीर आरोपों से भरा आवेदन कलेक्टर को दे कर लिखित शिकायत किया है।जिसमें महिला समूहों ने लिखा है, “कि विगत कई वर्षों से इन विभिन्न संस्थाएं और स्वयं सहायता समूह जिला चिकित्सालय जशपुर में भर्ती मरीजों को आहार प्रदान करने हेतु निविदा में भाग ले रहे हैं । किन्तु हर वर्ष एक ही संस्था अथवा व्यक्ति विशेष को यह निविदा प्राप्त हो रही है । हर वर्ष हम संस्थाएं कागजों के रूप में हो रहे अपनी कमी को पूरा कर टेण्डर भरते हैं और हर वर्ष कुछ न कुछ ऐसा नियम बना दिया जाता है , जिससे कि हर साल की तरह सिर्फ उसी व्यक्ति को लाभ मिलता है जो विगत कई वर्षों से कार्य कर रहा है । नये लोग संस्था अथवा समूहों को इस क्षेत्र में काम करने का अवसर नहीं मिला पा रहा है । उदाहरण स्वरूप दो माह पहले निरस्त हुए इसी निविदा में नया नियम जोड़ा गया कि बैंक टर्न ओवर जिनका सबसे ज्यादा होगा उन्हीं को यह टेन्डर मिलेगा । स्वाभाविक सी बात है कि जो व्यक्ति पिछले कई वर्षों से इस विमान में काम कर रहा है उसका टर्न ओवर ज्यादा होगा । यह साफ दर्शाता है कि एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुँचाने हेतु निविदा संस्था द्वारा नियम बनाये जा रहे है ।”

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