Site icon Groundzeronews

*कांग्रेस की उछाली बॉल को खेलने में फंसी भाजपा!कर्नाटक विस के नतीजों पर त्वरित संपादकीय टिप्पणी…*

IMG 20230513 194513

– विक्रांत पाठक

जशपुरनगर। कर्नाटक विधान सभा के नतीजों पर सभी अपने अनुभवों (प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष), अपनी समझ और तर्कों के आधार पर कांग्रेस की जीत और भाजपा की हार के कारणों का विश्लेषण कर रहे हैं। घोषणा पत्र, चुनाव प्रचार की रणनीति एवं परिणामों के आधार पर मुझे लगता है कि इस चुनाव में कांग्रेस के रणनीतिकार भाजपा को अपने पाले में खिलाने में सफल रहे। कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में बजरंग दल पर बैन लगाने की बात कही थी। पार्टी अच्छे से जानती थी कि इस घोषणा का आक्रामक प्रतिकार भाजपा करेगी, दरअसल कांग्रेस ने जानबूझकर बॉल भाजपा के खेमे की ओर उछाला था कि पूरी भाजपा इसी बॉल से खेलने लगे। (ऐसा हुआ भी)। भाजपा का पूरा प्रचार बजरंग दल और बजरंग बली पर केंद्रित हो गया, यहां तक कि राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले अमित शाह और पीएम के भाषणों में भी बजरंग दल और बजरंग बली छाए रहे। कुल मिलाकर भाजपा कांग्रेस की उछाली बॉल पर ही खेलने लगी।इधर, कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के भाषणों पर ध्यान दें तो सभी के भाषणों में राज्य सरकार का 40%कमीशन (भ्रष्टाचार) ही मुख्य बिंदू केंद्र में रहा। इसके अलावा कांग्रेस के प्रचारक राज्य सरकार की विफलताओं पर ही फोकस्ड रहे या यूं कह लें कि वे सरकार की विफलताओं को जनता तक पहुंचाने में सफल रहे। जबकि आंकड़ों पर गौर करें तो कर्नाटक में महंगाई दर और बेरोजगारी दर जैसे मुद्दे भाजपा के पक्ष में जा सकते थे। आंकड़ों की बात करें तो कर्नाटक में आर्थिक विकास दर 2021-22 में जहां 12.30 लाख करोड़ था, तो वहीं 2022-23 में बढ़कर 13.26 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। वहां की विकास दर 7.6 फीसदी है, जबकि देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार 7% है। पर इन सब विकास के मुद्दों को भाजपा जनता तक पहुंचाने में पूरी तरह विफल रही, वह कांग्रेस के उछाले बॉल में ही उलझी रही। बहरहाल, इस नतीजे के आधार पर आगामी लोक सभा चुनाव के बारे में कोई आंकलन करना जल्दबाजी ही होगी।

Exit mobile version