सिंगीबहार/जशपुर। :- वनपरीक्षेत्र तपकरा में मनरेगा के तहत वन विभाग द्वारा निर्मित यह आवर्ती चराई क्षेत्र विकास कार्य दरअसल भ्रष्टाचार की चारागाह बन कर रह गई है। मामला बरटोली – केरसई मार्ग के जंगल किनारे बने आवर्ती चराई क्षेत्र विकास योजना का सोशल मीडिया में भाजपा युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष गोपाल कश्यप ने भ्र्ष्टाचार एवं कार्य मे अनियमितता को लेकर आवाज बुलंद किया है। उन्होंने कहा है कि लाखों रुपये खर्च कर पशुओं के चराई के लिए जंगल किनारे चारों ओर सिंचाई नाले का गड्डा खोदा गया है ताकि पशु आरक्षित क्षेत्र से बाहर न जा सकें, साथ में जंगल से पेड़ों की कटाई कर एक छपरी बनाया गया है ताकि पशु चराई करने के बाद विश्राम कर सकें। एक तरफ तो वन विभाग कहती है कि पेड़ों की कटाई न करें, अधिक से अधिक पेड़ लगायें किंतु खुद वो अपने बातों पर कितना अमल करती है आप यहां आकर देख सकते हैं। छपरी में खंभे के रूप में उपयोग में लाये गये ये वृक्ष भविष्य में बड़े वृक्ष बनकर वनोपज देकर वनवासियों के जीवन में खुशहाली लाने में सहायक होती किंतु चंद रुपयों की लालच में वन विभाग की बलि चढ़ गए । इस तरह के मामले में प्रशासन को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए लेकिन शासन और प्रशासन के मिली भगत से यहां सैकड़ो पेड़ो की कटाई कर पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ये जो चराई क्षेत्र देख रहे हैं इसमें आज तक एक भी बैल-बकरी चराई करने नहीं आये जबकि पहले से गांव में एक बड़ा गोठान बना हुआ है ऐसे में इस चराई क्षेत्र बनाने का क्या औचित्य मतलब साफ है जनता के पैसों का किसी तरह बंदरबांट कर लिया जाये। फिलहाल ये पोल खोल अभियान के तहत मात्र 5.620 लाख की छोटी सी बानगी है हमारे कुनकुरी विधानसभा क्षेत्र की, जनता के पैसों का बंदरबांट करने वालों का पोल खोल अभियान जारी रहेगा।
मामले में अविनव केसरवानी वनपरीक्षेत्र अधिकारी तपकरा ने कहा है कि आवर्ती चराई क्षेत्र विकास कार्य के तहत बरटोली जंगल मे कार्य प्रारंभ है तूफान एवं बरसात के चलते छपरी छतिग्रस्त हो गया है । यहां पेड़ों की कटाई नही की गई है पेड़ो से छाटें गए छोटे डहलियों के लड़की टुकड़ों का ही इसमे उपयोग किया गया है ।