जशपुरनगर। (सोनू जायसवाल) जनपद पंचायत बगीचा के ग्राम पंचायत डोभ की आदिवासी महिला सरपंच श्रीमती सस्ती नागदेव ने,इस पंचायत के पूर्व सचिव पर फर्जीवाड़ा कर,21 लाख रूपए का घोटाला करने का आरोप लगाते हुए,सरपंच का सचिव के द्वारा फर्जी हस्ताक्षर करने का कलेक्टर से शिकायत की है। इस मामले ने बगीचा जनपद के इस विवादित पंचायत को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत डोभ की आदिवासी महिला सरपंच सस्ती नागदेव ने पूर्व में उसी ग्राम पंचायत में पदस्थ सचिव रामश्रवण यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर जशपुर के अलावा थाना सन्ना में लिखित शिकायत किया है।जिसमे इस आदिवासी महिला सरपंच ने लिखा है कि ग्राम पंचायत डोभ के अन्तर्गत पंच एवं सरपंच के द्वारा तटबंध निर्माण का कार्य कराया गया था। तटबंध निर्माण कार्य पूर्ण होने से पूर्व ही रामश्रवण यादव का स्थानांतरण उक्त पंचायत से अन्यंत्र हो चुका था। इसके बावजूद उक्त रामश्रवण यादव के द्वारा ग्राम पंचायत डोभ के सरपंच एवं सचिव का पद मुद्रा सहित फर्जी हस्ताक्षर कर तटबंध निर्माण कार्य के पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है।जिसकी जानकारी तटबंध निर्माण कार्य की राशि प्राप्त होने पर हम सरपंच सचिव को हुई। इसके पूर्व भी उक्त सचिव रामश्रवण यादव के द्वारा डीएसी को अपने कब्जे में लेकर इक्कीस लाख रू ०का गबन किया गया था। जिसकी भी शिकायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी , जनपद पंचायत बगीचा के समक्ष की गई थी। सरपंच ने शिकायत में बताया है कि मेरे पद एवं अधिकारों का गलत इस्तेमाल करके सचिव रामश्रवण यादव के द्वारा मेरा फर्जी हस्ताक्षर कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी,जनपद पंचायत बगीचा और अनुविभागी अधिकारी आरईएस विभाग के उप अभियंता बगीचा को धोखे में रखकर उक्त पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किया गया है। जो कि विधि विरुद्ध होकर दण्डनीय अपराध है। महिला सरपंच ने इस पूरे मामले की जांच और कार्रवाई की मांग की है। आपको बता दें कि ग्राम पंचायत के सचिव रामश्रवण यादव के ग्राम पंचायत डोभ में पदस्थ होने पर पूर्व में भी उसी ग्राम पंचायत के सरपंच ने 21 लाख रुपये के घोटाले का गम्भीर आरोप लगाया था।जिसमें सरपंच का डिजिटल हस्ताक्षर को सचिव के द्वारा अपने कब्जे में लेकर बिना सरपंच को सूचना दिए ही फर्जी रूप से 21 लाख रुपये का आहरण किया गया था।जिसकी शिकायत आलाधिकारियों से पूर्व में ही कि गयी थी परन्तु उक्त शिकायत को जांच के नाम पर टालते हुए मामले को दबाने के लिए सचिव रामश्रवण यादव को तत्काल प्रभाव अन्यंत्र स्थानांतरण कर दिया गया था। लेकिन कुछ ही दिनों में पुनः उन्हें ग्राम पंचायत महुआ का प्रभार दे दिया गया।वहीं महुवा ग्राम पंचायत का प्रभार मिलने के बावजूद इस सचिव ने डोभ पंचायत के निर्माण कार्यों की पूर्णतः प्रमाण पत्र में फर्जी रूप से अपना हस्ताक्षर करने के अलावा आदिवासी महिला सरपंच का भी हस्ताक्षर कर दिया, जो कि काफी गंभीर आरोप है परन्तु यह भी कहना कोई गलत नही होगा कि बार बार शिकायत आने के वावजूद इस सचिव पर अधिकारी कार्यवाही करने से कतराते नजर आते हैं।
बहरहाल जब हमने सरपंच का फर्जी हस्ताक्षर करने के विषय मे सचिव रामश्रवण यादव से फोन में चर्चा किया तो उन्होंने कहा मुझे बार बार परेशान किया जाता है आपको जो लिखना हो लिख दीजिये।
*इस मामले में जब हमने जनपद पंचायत बगीचा के जनपद सीईओ विनोद सिंह से बात किया तो उन्होंने कहा कि मामले की शिकायत मिलने पर जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।*
