जशपुरनगर:- ( सजन बंजारा) जिले में करोड़ो रूपये खर्च करने के बाद भी सौर ऊर्जा लाईटों से ग्रामीण इलाके रोशन नही हो रहें है।
इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगर पंचायत क्षेत्र में लगाये गये हाईमास्क लाईट दो महीनों में ही शोपीस बनकर रह गये हैं।
नगर के कारगिल चौक और बस स्टैंड में अंधेरे से रोशन करने और रात के समय में आवागमन करने वाले लोगो की सुविधाओं के लिये लगाए गये लाइट्स रात होने से पहले ही बुझ जाते है।
अब सवाल उठते है कि जब शहरी क्षेत्रों में क्रेडा विभाग द्वारा लगाया गया यह हाई मास्क लाईट यह दशा है तो ग्रामीण क्षेत्रों में लगाये गये इन लाईट का क्या हाल होगा।
बता दें कि बिजली विहीन गांवों को रोशन करने सरकार क्रेडा विभाग की ओर से जरूरतमंद स्थानों पर हाईमास्क लाईट लगवा रही हैं।
जानकारी के मुताबिक एक हाईमास्क लाईट करीब 4 लाख रूपये कीमत में लगाई जा रही है।पत्थलगांव जनपद क्षेत्रों में लगाये गये इस हाईमास्क लाईटों का आंकलन किया जाये तो 60 फीसदी से ज्यादा लाईट बंद पड़ी है।लेकिन विभाग फिलहाल नई लाइट्स को इंस्टाल करने में तेजी से काम कर रहा है।
लेकिन पुराने और खराब पड़े उपकरणों के सुधार के लिये कोई उपाय नही किया जा रहा है।
बताया जाता है कि क्रेडा विभाग अपनी टारगेट पुरा करने के लिये ठेका कर्मियों को काम सौप देता है.और उन्हीं से मिलीभगत भगत कर घटिया बैटरी सहित अन्य उपकरणों का उपयोग करता है।जिससे यह स्थिति निर्मित हो रही है।
मालूम हो कि जिले के सभी पंचायतों में क्रेडा विभाग द्वारा सौर ऊर्जा लाईट लगाई गई है.लेकिन क्रेडा या पंचायतों के पास बजट का अभाव और अनदेखी से कारण यह योजना जिले में दम तोड़ती नजर आ रही है।कहीं बैटरी सिस्टम ही फैल हो गया तो कहीं सोलर प्लेट ही टूट गए है।विभाग गारंटी पीरियड खत्म होने की बात कहकर मेंटेनेंस के लिये पंचायत को जिम्मेदार ठहरा रहा है।
मामले को लेकर क्रेडा विभाग के सहायक अभियंता संदीप बंजारे के दूरभाष नम्बर 9406327266 में संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नही किया जिससे हम उनका पक्ष नही रख सके।