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*Breaking jashpur:- वनभूमि में अतिक्रमण से परेशान ग्रामीणों ने किया जंगल सत्याग्रह का निर्णय, तूल पकड़ने लगा महेशपुर में आरक्षित वन में अतिक्रमण का मामला..!*

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वनभूमि में अतिक्रमण से परेशान ग्रामीणों ने किया जंगल सत्याग्रह का निर्णय,तूल पकड़ने लगा महेशपुर में..

 

जशपुरनगर,कोतबा:-पत्थलगांव ब्लाक के ग्राम पंचायत महेशपुर में जंगल बचाने के लिए तीन साल से संघर्ष कर रहें ग्रामीणों ने अब जंगल सत्याग्रह करने की तैयारी शुरू कर दी है। आंदोलन की रूपरेखा तय करने के लिए सोमवार को महेशपुर के सैकड़ों ग्रामीण जंगल में जुटे और बैठक कर,आंदोलन की रूपरेखा पर चर्चा की। बैठक में महेशपुर के रहवासी हरिशंकर यादव ने बताया कि संरक्षित वन क्षेत्र की जमीन को प्रशासन ने आंखमूंद कर नियमों को दरकिनार करते हुए पट्टा जारी किया है। इस ओर बीते तीन साल से महेशपुरवासी लगातार जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कर रहें हैं लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जांच के नाम पर राजस्व और वनविभाग के अधिकारी आतें हैं,रिकार्ड मिलान करते हैं और वापस चले जाते हैं। अगस्तु बेक और विद्याधर राम ने कहा कि जांच का यह खेल देख कर ग्रामीणों का विश्वास अब खत्म होने लगा है। उन्होनें कहा कि हम सब जंगल बचाने की मांग कर रहें हैं,इसके बाद भी प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहें हैं। इसलिए हम सबकों मजबूर हो कर आंदोलन करने का निर्णय लेना पड़ा है। बैठक में एकत्र हुई महिलाएं भी इस मामले को लेकर खुल कर नाराजगी जताई। उनका कहना था कि एक ओर वनविभाग के अधिकारी संरक्षित जंगल बता रहें है,वहीं अतिक्रमणकारी हरे भरे पेड़ों की कटाई कर,पूरे जंगल को खेत में बदल चुके हैं। महिलाओं ने कहा कि अगर प्रशासन ने जंगल में किए गए अतिक्रमण को हटाने के लिए जल्द ही कार्रवाई नहीं को तो वे अपने बच्चों के साथ इसी जंगल में डेरा जमा देगी। अगर कोई अनहोनी होती है तो इसके लिए प्रशासन के अधिकारी जिम्मेदार होगें। उल्लेखनिय है कि ग्राम पंचायत महेशपुर के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय और कलेक्टर को सौपें गए ज्ञापन में बताया है कि संरक्षित वन 984 में कुछ लोगों ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। ग्रामीणों के अनुसार यह वन क्षेत्र घने पेड़ों से अच्छादित था और हाथी डेरा जमाए रहते थे। लेकिन,जमीन पर कब्जा करने के लिए योजनाबद्व तरीके से इस संरक्षित जंगल के पेड़ों की अवैध कटाई कर,इसे खेत में बदल दिया गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि इस जमीन के रिकार्ड में भी हेरफेर किया गया है। इस जमीन पर वन और राजस्व विभाग दोनों अपना अपना दावा कर रहें हैं। नाराज ग्रामीणों का कहना है कि झिमकी के रहवासियों को पट्टा दूसरे जमीन का दिया गया है लेकिन उन्होनें संरक्षित वन क्षेत्र में कब्जा कर रखा है। इस अतिक्रमित वन भूमि पर मुक्त करा,नए सिरे से पौधा रोपण कर,जंगल के रूप में विकसीत किया जाना चाहिए।

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