जशपुरनगर। जिले के बादलखोल अभ्यारण में अवैध रूप से लकड़ी तस्करी एवं बन रहे सड़क निर्माण का मामला अब तुल पकड़ता नजर आ रहा है।जिले के डीएफओ एवं एसडीओ के तबादले के बाद बादलखोल अभ्यारण में तैनात वन विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ जनजातीय सुरक्षा मंच ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग करते हुए मोर्चा खोल दिया है।दरअसल पूरा मामला यह है की बीते कुछ महीनों से नारायणपुर रेंज क्षेत्र के बादलखोल अभ्यारण में वनों की अवैध रूप से कटाई कर तस्करी की जा रही है,जिसके बाद ग्रामीणों ने खुलासा करते हुए प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता पूर्व मंत्री गणेश राम भगत से नारायणपुर रेंज क्षेत्र में तैनात वन विभाग के नाका दरोगा एवं बाबू के खिलाफ कार्यवाही की मांग थी,जिसके बाद जिले डीएफओ एवं एसडीओ को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया।लेकिन अभ्यारण क्षेत्र में तैनात जिम्मेदार कर्मचारियों पर कार्यवाही नही होने पर नाराज ग्रामीणों ने आज जनजातीय सुरक्षा मंच के बैनर तले धरना प्रदर्शन करते हुए अभ्यारण में बन रहे सड़क निर्माण कार्य की जांच एवं लकड़ी तस्करी में शामिल वन विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने अपने संबोधन में प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा की एक महीने के भीतर इस पुरे मामले की जांच एवं दोषियों के खिलाफ कार्यवाही नही की जाती है तो हजारों की संख्या में नारायणपुर अभ्यारण में धरना पर बैठेंगे।उन्होंने कहा की अभ्यारण में सड़क का काम भी घटिया कराया जा रहा है,जिसकी जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।आगे उन्होंने कहा की
बादलखोल अभ्यारण कभी नक्सलवादियों का गढ़ रहा करता था ,जहां आये दिन जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को बंधक बनाया जाता था ,लेकिन जशपुर के जनता एकजुट होकर अभ्यारण्य को जशपुर के हित मे सुरक्षित की थी ,लेकिन पिछले कुछ वर्षों से वन विभाग के कर्मचारियों की मिली भगत से इस अभ्यारण में पेड़ की ठूंठ के रूप में रह गया है ,यहां 20 वर्षो से अधिक के कई कर्मचारी पदस्थ हैं। उन्हें अगर जल्दी नही हटाया गया तो जिले के एकमात्र अभयारण्य को बचा पाना मुश्किल होगा।श्री भगत ने कहा कि जल जंगल जमीन आदिवासियों की पहचान है और इनसे हम किसी भी हालत में समझौता नही करेंगे ।धरना को सम्बोधित करते हुए मंच के विधिक सलाहकार रामप्रकाश पांडेय अधिवक्ता ने कहा कि बादल खोल अभ्यारण्य जशपुर का फेफड़ा है और जब तक अभ्यारण्य सुरक्षित है जशपुर सुरक्षित है लेकिन कुछ उद्योगपति स्थानीय नेताओं और अधिकारियों से मिली भगत कर जशपुर के पर्यावरण को नष्ट करना चाहते हैं ,लेकिन हम ऐसा होने नही देंगे।उन्होंने यह भी कहा कि जशपुर जिला पांचवी अनुसची में शामिल है क्योंकि यहां 60 प्रतिशत से भी अधिक जनजातिय समाज निवास करता है ,और यह इसलिए हे क्योकि यहां के जल जंगल जमीन सुरक्षित है जिस दिन यहां के जल जंगल जमीन नष्ट हुए उस दिन न केवल पर्यावरण को बल्कि जनजातिय समाज के लिए भी खतरा उतपन्न हो जाएगा इसलिए सबको मिलकर जशपुर के जल जंगल जमीन की रक्षा करनी होगी। धरना को जिला पँचायत सदस्य रीना बरला,लालदेव राम भगत सहित चन्द्रदेव यादव ने भी सम्बोधित किया ।सभा का संचालन मंच के प्रदेश अध्यक्ष रोशन प्रताप सिंह ने किया ।धरना में प्रमुख रूप से शिव यादव,संजू बंग,राकेश गुप्ता, विनोद भगत,करुणा भगत ,सन्तन यादव,प्रीतम यादव सहित सैकड़ों कार्यकर्ता उपस्थित थे।सभा के पश्चात मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन नायब तहसीलदार के माध्यम से सौंपा गया ।