*महिला समूहों को महिला कोष से प्रति वर्ष दिए जाने वाले ऋण के बजट में 5 गुना वृद्धि की जाएगी*
*अब महिला समूहों को महिला सहायता कोष से मिलेगा दो लाख तक का ऋण*
*मुख्यमंत्री ने किसानों और मजदूरों के बाद अब महिलाओं के लिए न्याय की अभिनव पहल*
*मुख्यमंत्री ने घोषणा पत्र का एक और वादा किया पूरा*
रायपुर, 6 सितम्बर 2021/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास में आयोजित तीजा-पोरा त्यौहार के कार्यक्रम के अवसर पर समूह की महिला-बहनों को दी बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने महिला कोष की ऋण योजना के अंतर्गत सभी महिला समूहों के कालातीत ऋणों को माफ़ करने की घोषणा की है ताकि वे पुनः ऋण लेकर नवीन आर्थिक गतिविधियाँ आरम्भ कर सकें। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही महिला कोष से महिला समूहों को प्रति वर्ष दिए जाने वाले ऋण के बजट में भी 5 गुना वृद्धि की घोषणा करते हुए महिला कोष के बजट की राशि दो करोड़ रूपए से बढ़ाकर 10 करोड़ रूपए करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने किसानों और मजदूरों के बाद अब महिलाओं के लिए न्याय की पहल करते हुए घोषणा पत्र का अपना एक और वादा पूरा कर दिया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की यह घोषणा राज्य में न्याय की एक कड़ी को और आगे बढ़ाने के रूप में देखा जा रहा है। इससे स्व सहायता समूहों से जुड़ी लाखों बहनों के सर से 12 करोड़ 77 लाख रूपए के कर्ज का बोझ उतर जाएगा। तीजा-पोरा पर्व पर राज्य के महिला बहनों के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार की ओर से यह बहुत बड़ी सौगात है। मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास कार्यालय में राज्य भर की माताओं-बहनों के लिए आयोजित तीजा-पोरा कार्यक्रम में जैसी ही महिला समूहों के कालातीत ऋण की माफी का एलान किया, माताओं-बहनों से खचाखच भरा पूरा पंडाल तालियों से गूंज उठा। मुख्यमंत्री ने सभी माताओं-बहनों को तीजा-पोरा की बधाई और शुभकामनाएं देते हुए उनकी खुशहाली और समृद्धि की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया और राज्यसभा सांसद द्वय श्रीमती फूलोदेवी नेताम के आग्रह पर महिला स्व -सहायता समूहों का कालातीत ऋण माफ करने, महिला कोष से ऋण दिए जाने के बजट प्रावधान को भी पांच गुना बढ़ाने तथा समूहों के ऋण सीमा को एक लाख से बढ़ाकर 2 लाख किए जाने की घोषणा की। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भेंड़िया ने कहा कि छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में नई सरकार के आने के बाद महिला समूहों की आर्थिक गतिविधियों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जिससे लाखों महिलाओं की आय वृद्धि से आर्थिक स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त हुआ है। अधिक से अधिक महिलाओं में आत्म निर्भरता की ललक बढ़ी है। विगत वर्षों में महिला समूहों द्वारा लिए गए ऋणों को कतिपय कारणों से न पटा पाने के करण लगभग एक लाख महिलाएँ नया लोन पाने से अपात्र हो गयी हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया कि यदि पूर्व के कालातीत ऋणों को माफ़ कर दिया जाए तो उन्हें भी ऋण प्राप्त हो सकेगा तथा वे नए सिरे से आर्थिक गतिविधियां संचालित कर सकती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में महिला बाल विकास के माध्यम से प्रति वर्ष महिला समूहों को दिए जाने वाले ऋण के बजट की राशि बहुत कम है जिसके कारण बहुत कम महिला समूहों को आर्थिक लाभ मिल रहा है। अनुरोध है प्रति वर्ष महिला समूहों को दिए जाने वाली ऋण राशि का बजट दो गुना कर दिया जाए ताकि अधिक से अधिक महिलाओं को आय वृद्धि का अवसर मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सांसद श्रीमती सोनिया गांधी एवं श्री राहुल गांधी के मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार समाज के सभी वर्गो के साथ न्याय करने में जुटी है। किसानों की कर्ज माफी एवं सिंचाई कर की माफी से राज्य में न्याय की शुरूआत हुई। यह कड़ी आगे बढ़ते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना के बाद आज महिलाओं को न्याय देने के उद्देश्य से ऋण माफी के रूप में सामने आई है।
महिला समूहों पर बकाया कालातीत ऋण की माफी से समूहों से जुड़ी लगभग एक लाख महिलाएं नये सिरे से अपनी आर्थिक गतिविधियां संचालित करने के योग्य हो जाएंगी और उन्हें इसके लिए सहजता से ऋण की उपलब्ध हो सकेगा। महिला समूहों को अब दो लाख रूपए की ऋण की पात्रता होने से वह स्व-रोजगार एवं स्वावलंबन की गतिविधियों और अधिक विस्तार देने में सक्षम होंगी। इससे उनके आय में वृद्धि होगी और वह आर्थिक रूप से सशक्त होंगी।
छत्तीसगढ़ सरकार की न्याय योजना का लाभ किसानों, पशुपालकों, भूमिहीनों, महिलाओं के साथ-साथ राज्य के वनवासियों एवं वनोपज संग्राहकों को मिला है। इनको न्याय देने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ सरकार ने तेंदूपत्ता संग्रहण दर 2500 रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए प्रति मानक बोरा किया है। लघु वनोपजों के समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी के साथ-साथ 52 लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की है। इसका सीधा लाभ वनांचल के लोगों और वनोपज संग्राहक परिवारों को मिला है और उनकी आय में वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री निवास में हर साल की तरह इस साल भी तीजा-पोरा का त्यौहार परम्परागत ढ़ंग से आज मनाया गया है। मुख्यमंत्री निवास को मयका मान कर राज्यभर की माताएं-बहनें त्यौहार मनाने पहंुचीं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने तीजा-पोरा मनाने पहंुची सभी माताओं-बहनांे स्वागत करते हुए उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी। माताओं-बहनों को तीजा-पोरा की परम्परा के अनुसार उपहार भी भेंट किए गए।
कार्यक्रम को महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंह देव , डॉ. रागिनी नायक, सुश्री अलका लांबा, श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने भी संबोधित किया और सभी को तीजा-पोरा पर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की संस्कृति, परम्परा, अस्मिता का पोषण हुआ है। उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजनों से छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश की संस्कृति भी फलेगी-फूलेगी। छत्तीसगढ़ राज्य के विकास में महिलाओं की भागीदारी की भी उन्होंने सराहना की और कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राज्य की महिलाओं को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में जुटे हैं। इस दौरान महिलाओं के मध्य प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता सहित विविध खेल प्रतियोगिताओं का भी आयोजन हुआ, जिसमें महिलाओं ने बढ़-चढ़कर उत्साहपूर्वक भाग लिया।
कार्यक्रम में वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री विकास उपाध्याय, श्रीमती रश्मि सिंह, सुश्री शकुंतला साहू, श्री विनोद सेवनलाल चंद्राकर, विधायक श्री अरुण वोरा, श्री अमितेष शुक्ला, श्रीमती उत्तरी जांगड़े, श्रीमती संगीता सिन्हा, श्री मोहितराम केरकेट्टा, महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती किरणमयी नायक, पूर्व विधायक श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन सहित अनेक जनप्रतिनिधि, और बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थीं।