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*ब्रेकिंग:- आज फिर एक युवती ने की आत्महत्या, मायके के नाम पर देर रात निकली और रास्ते से हो गई गायब, सुबह एक पेड़ पर फंदे में झूलती मिली, मौत के बाद व्यवस्था पर उठे सवाल, पीएम के लिए परिजन कर रहे डॉ का इंतजार, स्थानीय डॉ को कर दिया गया है अटैच, बीएमओ ने कहा बिना पुलिस सूचना के कैसे होगा पीएम, नहीं है डॉ की समस्या, पढ़िये पूरी रिपोर्ट…….*

जशपुरनगर। जशपुर जिले में लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामले में शुक्रवार को एक और आंकड़े में बढ़ोतरी हुई है। खबर के मुताबिक दोकडा पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत ग्राम जूनाडीह की निवासी सन्मति बाई उम्र 45 वर्ष गुरुवार देर रात किसी बात से नाराज होकर घर से निकली और बोली कि मैं मायके जा रही हूं। सन्मति बाई मायके तो नहीं पहुंची लेकिन जंगल के रास्ते एक पेड़ में फांसी पर लटकी हुई सुबह उसकी लाश मिली। युवती की मौत से लोग सदमे में है वहीं जिले में लगातार बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं।
युवती की मौत के बाद उसके पोस्टमार्टम को लेकर भी यहां जमकर बवाल मचा हुआ है। 2 साल पहले यहां चीरघर का उद्घाटन बड़े जोर शोर से किया गया था कि यहां के मामलों में प्रभावितों को पीएम के लिए लंबी दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। ग्रामीणों ने बताया कि स्थानीय एमबीबीएस चिकित्सक को ब्लॉक मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है, जिसके कारण पोस्टमार्टम के लिए या तो ब्लॉक मुख्यालय शव लेकर जाना पड़ता है या फिर ब्लॉक मुख्यालय से डॉक्टर यहां यहां आते हैं। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पोस्टमार्टम के लिए डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई डॉक्टर यहां नहीं पहुंचा और उन्हें ब्लॉक मुख्यालय शव को लाने के लिए कहा जा रहा है इसके लिए हजारों रुपए खर्च करने पड़ेंगे।
समस्या को लेकर विकास खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ संध्या रानी टोप्पो से ग्राउंड जीरो न्यूज़ ने जब उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि मुझे ग्रामीणों के द्वारा अन्य माध्यम से फोन पर जानकारी दी गई है लेकिन विधिक प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए किसी भी शव के पोस्टमार्टम के लिए पुलिस के द्वारा नियमत दस्तावेज दिए जाते हैं जो उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है। पोस्टमार्टम के लिए विधिक रुप से दस्तावेज यदि व्हाट्सएप पर भी उन्हें प्राप्त होता है तो भी तत्काल डॉक्टर वहां उपलब्ध करा देंगे। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा पुलिस को फोन कर कहा गया कि उन्हें लिखित सूचना दें जिससे समय पर डॉ उक्त स्थान पर उपलब्ध कराया जा सके। बीएमओ डॉ संध्या रानी ने यहां तक कहा कि उन्हें व्हाट्सएप में भी यदि पुलिस के द्वारा जानकारी दे दी जाती है तो एक पोस्टमार्टम के लिए प्रक्रिया पूरी कर सकती हैं। बरहाल इस ऊहापोह में मृतिका के परिजन हलकान हैं और चीरघर के बाद शव रखकर विधिक प्रक्रिया के पालन व पोस्टमार्टम का इंतजार करते हुए डॉक्टर की बाट जोह रहे हैं इसके बाद वे अंतिम संस्कार करेंगे।
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि यदि स्थानीय डॉक्टर को यहां से अन्यत्र अटैच नहीं किया जाता तो यह समस्या नहीं आती।

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