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*Breking jashpura:-जनपद के सामान्य सभा में वन अधिकार पट्टे को लेकर उठा मुद्दा,वन विभाग के कर्मचारी करेंगे वन अधिकार पट्टा की जांच,..ग्राउंडजीरो ई न्यूज ने उठाया था..मुद्दा,..अब होगी फर्जी वन अधिकार पट्टे के दलालों पर कार्यवाही..!*

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कोतबा,जशपुरनगर:-जनपद पंचायत पत्थलगांव के सभागार गृह में हुये सामान्य सभा की बैठक में महेशपुर के सरंक्षित जंगल में अवैध कटाई और खेती करने का मुद्दा जोर शोर से उठाया गया।
बैठक में जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 25 के मुकेश पैंकरा ने मुद्दे को फोकस किया।
इस दौरान वन विभाग के अधिकारियों की भी उपस्थिति रही.जिन पर जनपद सदस्यों ने यह प्रस्ताव रखा कि अब ग्राम पंचायत झिमकी,खुटापानी, राजाआमा,काडरो सहित उन पंचायतों में वन अधिकार के तहत पट्टा पाने वाले हितग्राहियों की जांच होगी.वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि सभी लोगों को नोटिस जारी किया जाएगा और अपात्र हितग्राहियों के पट्टे को निरस्त करने की कार्यवाही की जावेगी।

मामला जनपद पंचायत के सभागार गृह में तूल पकड़ने के बाद अवैधानिक रूप से वन अधिकार पट्टा पाने वाले लोगों में हड़कंप मचा हुआ है।

उल्लेखनीय है कि यह मामला उस समय सामने आया था.जब महेशपुर के सरपंच,सचिव के द्वारा 16 हितग्राहियों को वन अधिकार पट्टा दिलाये जाने कूटरचना कर तहसील कार्यालय में जमा कर दिया गया था.लेकिन ग्रामीणों को जानकारी होने के बाद उन्होंने विरोध कर वन विभाग के संरक्षित क्षेत्र के जंगलों में धावा बोलकर 50 एकड़ के आसपास जमीन को कब्जा करके उनमें लगे पौधों को काट दिया गया था।
हालांकि ग्राउंडजीरो ई न्यूज ने मामले को लेकर लगातार खबर प्रकाशन किया था.जिस मामले को संज्ञान में लेकर वन विभाग के द्वारा उन 16 लोगों के नाम से प्रस्तावित दस्तावेजों को निरस्त कर दिया गया।

ईधर मामले को लेकर पहले से ही महेशपुर के सैकडों ग्रामीणों का कहना है कि आसपास के ग्राम पंचायतों में संपन्न लोंगो को अनुचित ढंग से पट्टा जारी किया गया है.उसकी जांच के बाद कार्यवाही हो नही तो महेशपुर के जंगलों में वे भी अपना कब्जा नहीं छोड़ेंगे।
ग्रामीणों का कहना हैं कि जिस तरह महेशपुर में फर्जी ग्राम पंचायत के दस्तावेज बनाकर तहसील कार्यालय भेज दिया गया है.उसी तरह ग्राम पंचायत झिमकी,खुटापानी, काडरो,राजाआमा में किया गया है।
जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत महेशपुर में वन विभाग के द्वारा 2 बैठक आहूत की गई.लेकिन ग्रामीणों ने इस बात को लेकर जंगल छोड़ने हां भरी है कि इन पंचायतों में भी जांच हो.ग्रामीणों का मानना है कि सम्पन्न और सक्षम लोगों को पट्टा जारी कर दिया गया.जबकि पात्र और भूमिहीन लोगों को वंचित रखा गया है।
मामले को लेकर जनपद अध्यक्ष सुकृत सिंह सिदार ग्राउंडजीरो ई न्यूज से चर्चा में कहा कि यह बात कल सामने आई थी.जिसे लेकर कुछ जनपद सदस्यों ने जांच की मांग की है.जिसे वह विभाग के अधिकारियों को निष्पक्ष जांच करने की जवाबदारी दी गई है।

मामले को लेकर एसडीओ आर.पी. सिंह से बात किया गया तो उन्होंने कहा कि मामले को लेकर शिकायत मिल रही है.शिकायत में तो एक ही परिवार के तीन अलग अलग लोंगो के वन अधिकार पट्टा दिलाये जाने की बात सामने आई है।
राजस्व विभाग के एसडीएम,और तहसीलदार के साथ मिलकर वन विभाग भी कार्यवाही प्रारंभ करेगी।
13 सितंबर 2005 तक जिन लोगों ने कब्जा किया है.उन लोगों को पात्रता मिलेगी.फर्जी ग्राम सभा या कूटरचना पर निरस्ती की कार्यवाही की जाएगी।

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