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*मात्रात्मक त्रुटि से परेशान छत्तीसगढ़ की 12 जनजातियों को केन्द्र सरकार ने दी बड़ी राहत,सुधार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार ने लगाई स्वीकृति की मुहर,पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री और केन्द्रीय जनजातिय मंत्री का जताया आभार,कहा- आदिवासियों के विकास के लिए संवेदनशील है प्रधानमंत्री……………*

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जशपुरनगर। मात्रात्मक त्रुटि के कारण लंबे अर्से से जाति प्रमाण पत्र के लिए भटक रहे छत्तीसगढ़ के 12 जातियों के 60 लाख से अधिक लोगों को केन्द्र सरकार ने बड़ी राहत दी है। मात्रात्मक सुधार सहित अन्य तकनीकि समस्याओं को दूर करने के प्रस्ताव को कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। केन्द्र सरकार की इस पहल का भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व केन्द्रीय राज्य मंत्री विष्णुदेव साय ने स्वागत करते हुए,प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जनजातिय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा का आभार जताया है। विष्णुदेव साय ने बताया कि मात्रात्मक त्रुटि सहित छोटी छोटी तकनीकि कारणों से प्रदेश के जनजातिय समाज के लोग आरक्षण सहित अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे थे। इस समस्या को दूर करने के लिए उन्होनें सांसद,केन्द्रीय राज्य मंत्री और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के कार्यकाल के दौरान केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर लगातार प्रयास किया था। इसके परिणाम स्वरूप केन्द्र सरकार ने छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों से मिली शिकायत के आधार पर कार्रवाई करते हुए,इस समस्या को दूर करने के लिए कानून में संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया था। यह प्रस्ताव संसद में जाने से पहले केन्द्रीय मंत्रीमंडल की स्वीकृति के लिए रखा गया था। जिसे अब स्वीकृति मिल गई है। जल्द ही इस प्रस्ताव को संसद और राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलने के बाद लंबे अर्से से परेशान लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
छत्तीसगढ़ में इन जातियों को होगा लाभ –
केन्द्र सरकार की इस पहल से प्रदेश के भारिया, भूमिया ( भूईया , भूईयों . भूवा . भूरया , भिया ),धनवार ( धनुहार , धनुवार ),नगेसिया ( नागासिया ) के समनार्थी किसान,सौरा , सवर , सवरा , संवरा,धांगड़,विझिया,कोड़ाकू , कोडाकू,कोंध ,कोंद,भारिया ( भरिया ),पंडो , पन्डो ,पण्डो,गोंड ( गोड़ ) गदबा जाति शामिल हैं।

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