जशपुरनगर। रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र की सांसद श्रीमती गोमती साय मंगलवार को दिव्यांग केन्द्र पहुंचीं। उन्होनें केन्द्र में मौजूद सीईओ केएस मंडावीं,एसडीएम योगेन्द्र श्रीवास सहित अन्य अधिकारियों से पूरे मामले की जानकारी ली और छात्रावास का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होनें छात्रावास संचालन में बरती गई घोर लापरवाही को लेकर मौके पर मौजूद अधिकारियें को जमकर फटकार लगाई और छात्रावास की व्यवस्था ना सुधरने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इस पूरे घटना को अमानवीय और शर्मनाक बताते हुए,इसके लिए सीधे तौर पर सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि आला अधिकारियों के नाक के नीचे संचालित हो रहे दिव्यांग छात्रावास की जब यह दुर्दशा है तो जिले के बाकी छात्रावासों की स्थिति क्या होगी? यह गंभीर चिंता का विषय है। उन्होनें मौके पर मौजूद राजीव गांधी शिक्षा मिशन के डीएमसी विनोद पैंकरा को फटकार लगाते हुए कहा कि छात्रावास में न तो अधीक्षक आ रहे थे और ना ही महिला केयर टेकर,इसकी जानकारी जिम्मेदार अधिकारियों क्यों नहीं थी?जाहिर है डीएमसी सहित किसी भी अधिकारी ने इस छात्रावास की सुध ही नहीं ली थी। छात्रावास में निवासरत दिव्यांग बच्चों को पूरी तरह से गिरफ्तार आरोपितों के भरोसे छोड़ दिया गया था।
उन्होनें कहा कि सवाल यह नहीं है कि मामले में क्या कार्रवाई हो रही है और क्या होना चाहिए। इससे भी गंभीर बात है कि इस तरह का घिनौना अपराध आखिर हुआ ही क्यों? इससे पूरे सरकारी संस्थाओं की शाख और सुरक्षा व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गई है। उन्होनें कहा कि कांग्रेस सरकार के ढाई साल के राज में शांति का टापू कहलाने वाला छत्तिसगढ़ अपराधगढ़ के रूप में तब्दील हो गई है। भूपेश बघेल सरकार सभी मोर्चे पर विफल साबित हुई है। दिव्यांग केन्द्र की घटना सरकार और उसके नुमाइंदों की असंवेदनशीलता की पराकाष्ठा है।
उन्होनें अधिकारियों से केन्द्र में तैनात सभी पुरूष कर्मचारियों को तत्काल हटाने और सीसीटीवी केैमरा लगाने की मांग की है। दिव्यांग केन्द्र सहित जिले के सभी बालिका छात्रावास में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम ना होने पर आंदोलन की चेतावनी भी सांसद गोमती साय ने दी। उन्होंने कहा यह वक्त सुधर जाने का है यदि संबंधित नहीं सुधरते हैं तो उन्हें सुधारने के लिए वे किसी भी हद तक गुजर सकती हैं।