जशपुर 16 जून 2023। 60 दिन का मासूम अर्नब हर सांस के लिए संघर्ष कर रहा है। जिंदगी के एक-एक पल के लिए तरस रहा है। कहीं दुआ के लिए हाथ जुड़ रहे हैं, तो कहीं दान के लिए हाथ खुल रहे हैं। मामला जशपुर का है, जहां का मासूम अर्नब अब 60 दिनों की सांसों के संघर्ष के बाद जिंदगी जितने लगा है। दरअसल सहायक शिक्षक संतोष जाटवार के नवजात को जन्म के साथ ही एक ऐसी बीमारी ने घेर लिया था, जिसका इलाज बेहद जरूरी था। थोड़ा सा भी वक्त गंवाना मासूम की जिंदगी को खतरे में डाल सकता था।
अर्नब को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन बीमारी ऐसी थी, जिसमें पैसा पानी की तरह बहा जा रहा था। आयुष्मान कार्ड का पैसा खत्म हो गया था, जमा पूंजी लूट चुकी थी। एक बेटे की जिंदगी, तो दूसरी तरफ तंगहाली, ऐसे बेबसी भरे पल में देवदूत बनकर सहायक शिक्षक/समग्र शिक्षक फेडरेशन के जिलाध्यक्ष अजय गुप्ता आये। जिन्होंने अपने शिक्षक साथियों के बीच मार्मिक अपील भेजी और फिर देखते ही देखते मददगारों की लंबी कतार लग गयी। दो दिन में ही करीब 70 हजार रुपये अजय गुप्ता की पहल पर इक्ट्ठा हो गये। जिसे शिक्षक संतोष जाटवार के हवाले कर दिया गया।
मदद की राशि लेकर खुद अजय गुप्ता, जिला सचिव आदरणीय उत्तम कुमार पैंकरा और उनकी टीम अस्पताल पहुंची शिक्षकों की तरफ से जमा की गयी सहयोग राशि सौंपा। बच्चे का अभी भी इलाज चिलड्रन हास्पिटल शिशु भवन बिलासपुर में चल रहा है। आर्थिक मदद मिलने से शिक्षक संतोष को ना सिर्फ संबंल मिला है, बल्कि दान और दुआ दोनों का असर भी बच्चे की सेहत पर दिखने लगा है। अब बच्चा धीरे-धीरे तंदुरुस्त हो रहा है। अब जल्द ही उसकी सेहत बेहतर हो जायेगी।
इधर शिक्षक संतोष जाटवार ने शिक्षकों की तरफ से की गयी मदद पर आभार जताया है। साथ ही अजय गुप्ता का शुक्रिया जताया है, जिन्होंने पहल कर बच्चे के लिए मदद का हाथ बढ़ाया है। वहीं अजय गुप्ता ने कहा है कि हम शिक्षक एक ही परिवार के हैं, अगर परिवार में कुछ परेशानी होती है, तो उसे दूर करने के लिए हम सब शिक्षक साथ हैं। आगे भी ऐसा किसी शिक्षक परिवार पर विपत्तियां आयेगी, तो उसे इसी तरह से मिलकर दूर करेंगे।