जशपुरनगर। जिला प्रशासन की सख्ती से शहर और इसके आसपास रेत और मुरुम का अवैध उत्खनन पूरी तरह से बन्द हो गया है। गौण खनिजों का अवैध परिवहन करने वाले ट्रेक्टर और ट्रक चालकों ने भी,इस अवैध कारोबार से तौबा कर लिया है। लेकिन,इससे वाहन मालिकों की मुसीबत बढ़ गई है। परेशान रेत और मुरूम का परिवहन करने वाले वाहन संचालकों ने मंगलवार को कलेक्टर डा रवि मित्तल को ज्ञापन सौंपते हुए,गुहार लगाई। इनका कहना था कि रेत और मुरूम,सभी निर्माण कार्यो में प्रयोग होने वाला एक आवश्यक सामग्री है। इसकी आपूर्ति बाधित होने से सभी निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं। इससे लोगों के सामने रोजगार की समस्या उत्पन्न हो रही है। अधिकारियों ने समस्या का उचित समाधान करने का आश्वासन दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि बीते कई महिनों से रेत और मुरूम के अवैध उत्खनन और इसके आड़ में चल रहे अवैध वसूली को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है। वर्षा ऋतु के दौरान एनजीटी की गाइड लाइन के अनुसार,नदियों से रेत उत्खनन पर प्रतिबंध रहता है। इसी दौरान मुख्यमंत्री ने रेत घाट की नीलामी व्यवस्था को समाप्त कर,संचालन का अधिकार,ग्राम पंचायतों को सौंपनें की घोषणा कर दी थी। लेकिन,अब तक प्रदेश सरकार ने इसकी प्रक्रिया को लेकर नियम तैयार नहीं कर पाई है। इसलिए,न तो रेत घाटों को नवीनीकरण हो पाया है और ना ही इन्हें ग्राम पंचायतों को सौंपा जा सकता है। इस प्रशासनिक अव्यवस्था से इन दिनों तस्करों और असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंदियों पर पहुंच गए थे। ये गुंडा तत्व,जगह जगह बेरियर लगा कर,वाहन मालिको से 2 से 5 सौ तक की अवैध उगाही कर रहे थे। मनमानी पर उतारू तस्करों के हाथ शहर की प्यास बुझाने वाली डुमरीटोली एनीकट तक पहुंच गए थे। माफिया के तर्ज पर संगठित हो कर की जा रही गौण खनिजों की तस्करी और अवैध उगाही से कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो गई थी। लगातार आ रही शिकायतों के बाद खनिज विभाग ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 14 ट्रेक्टरों को जब्त कर,कलेक्टर न्यायालय में पेश कर चुकी है। प्रशासन की इस सख्ती से इन दिनों गौण खनिजों का अवैध उत्खनन और परिवहन लगभग पूरी तरह से ठप हो गया है।