सिंगीबहार:- शाला भवनों को सर्वसुविधा युक्त बनाने तथा नौनिहालों को बेहतर भविष्य के निर्माण में लाखों रुपए खर्च करने की कवायद कामयाब होते नहीं दिख रही है। बड़ी बड़ी बिल्डिंगों का निर्माण कर ग्रामीण क्षेत्र के विद्यार्थियों को समुचित माहौल शिक्षा के लिए प्रदान करने का प्रयास प्रदेश सरकार कर रही है। किंतु पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार के चलते गुणवत्ताहीन भवनों का निर्माण कराया जा रहा है। जिसके कारण लाखों रुपए की लागत से बनने वाले भवन कुछ ही समय में दम तोड़ देते हैं और इसका खामियाजा आने वाली पीढ़ी को उठाना पड़ता है। ताजा मामला जिले के विकास खण्ड- फ़रसाबहार के ग्राम पंचायत -सिंगीबहार के प्राथमिक शाला रघराटोली की है जहां कक्षा पहली से 5 वीं तक कुल 16 छात्र और छात्राओं को प्रतिदिन डर के साए में बैठकर शिक्षा प्राप्त करना पड़ रहा है। दरअसल प्राथमिक शाला रघराटोली का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। जिसके कारण आए दिन सीलिंग और दीवाल से प्लास्टर के टुकड़े गिरते रहते हैं। जिससे स्टूडेंट के साथ शिक्षकों की जान पर बनी रहती है ।
ग्रामीणों का कहना है कि भवन का निर्माण 18 साल से ऊपर हो गया है । और यहां का प्राथमिक शाला भवन अब जर्जर हो चुका है जल्द मरम्मत नही हुई तो बच्चों एवं शिक्षकों के जान पर हमेशा खतरे का साया मंडराता रहेगा ।स्कूल के प्रधान पाठक ने बताया कि उक्क्त मामले को लेकर शिक्षा समिति के साथ मौखिक सूचना ब्लाक मुख्यालय में दे चुके हैं पर अब तक भवन जर्जर स्थिति में है ।