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*खबर का असर:-मृत व्यक्ति के जगह में खड़े हो कर रजिस्ट्री करने वाले आरोपी ने प्रशासन को लिखत आवेदन देकर किया कबूल…इस कूटरचना में बड़े भूमाफियाओं को बचाने किया गया है सडयंत्र….परन्तु जिला प्रसासन अब तक गम्भीर नही…भाजपा नेता ने कहा मामले में जितने भी आरोपी हैं सब पर हो एफ.आई.आर,प्रशासन को अब और क्या चाहिए..?*

जशपुरनगर।जशपुर जिले में इन दिनों जिला प्रशासन से मिलीभगत करके प्रदेश भर के भूमाफियाओं का राज पाठ चलते देखा जा रहा। जहां अजीबों-गरीब कारनामे देखने को मिल रहे हैं जो हद पार कर दे रहे हैं।वहीं हमने ग्राउंड जीरो न्यूज में भूमाफियाओं के द्वारा पाठ क्षेत्र के कमारिमा की फर्जी रजिस्ट्री कराने की खबर को प्राथमिकता से उठाया था।जिस खबर का असर भी ऐसा हुआ कि दोषी खुद ही बगीचा एसडीएम के पास पहुंच कर अपना गुनाह कबूल कर लिया परन्तु इस गुनाह कबूलनामे के द्वारा बाकी बड़े भूमाफियाओं को बचाने के लिए यह पूरा खेल रचा गया है।परन्तु इस मामले में जिला प्रशासन आखिर गम्भीर क्यों नही दिख रहा है और आरोपियों की अब तक गिरप्तारी क्यों नही की गई है..?

पूरा मामला आपको बता दें कि मृत व्यक्ति की जगह खड़े होकर जमीन की रजिस्ट्री करने वाले विक्रेता ने बगीचा एसडीएम को आवेदन देकर खुद को दोषी बताया है , मगर रजिस्ट्री में गवाह बनकर हस्ताक्षर करने वाले आरोपी अब भी पकड़ से बाहर है । बगीचा एसडीएम को दिए आवेदन में जमीन के फर्जी विक्रेता लीलाधर यादव पिता स्व . रातू राम ने बताया कि उसने आधार कार्ड में फोटो बदलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया था । एसडीएम को उसने बताया कि वृद्ध पिता रातू राम की गंभीर बीमारी का इलाज कराने के लिए पैसों की आवश्यकता होने से उक्त भूमि को बेचने के लिए मैने अपने आधार कार्ड पर उसका फोटो लगा कर अपने नाम की जगह दुर्जन राम उम्र 34 वर्ष पिता जकनी दर्ज करा दिया और 7 नवंबर 20 को नमनाकला जिला सरगुजा निवासी अभिषेक श्रीवास्तव उम्र 33 वर्ष पिता कृष्ण बिहारी लाल के नाम जशपुर जिला पंजीयक कार्यालय में जाकर रजिस्ट्री कर दी । अब जब मामले का खुलासा हुआ तो आरोपी एसडीएम के पास जुर्म कबूला विक्रेता दुर्जन यादव की मौत 25 नवम्बर 19 को हो गई थी । दस्तावेज के अनुसार मृत व्यक्ति ने 7 नवम्बर 20 को ग्राम कामारिमा स्थित खसरा नं . 2932/2 रकबा 2.0230 हेक्टेयर जमीन को 2 लाख 20 हजार में अम्बिकापुर निवासी अभिषेक श्रीवास्तव को बेच दी थी । मृतक के परिजन ने बगीचा थाने में शिकायती पत्र देकर जमीन दलाल संजय मद्रासी व हलीम फिरदौसी पर गंभीर आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की थी ।मामले में जशपुर उपपंजीयक विलियन एक्का ने मामले को 2020 का बताकर पल्ला झाड़ लिया था। उनका कहना था कि मामला उनके पूर्व के उप पंजीयक के समय का है । रजिस्ट्री में पटवारी अपनी रिपोर्ट भी सौंपते है , जिसके आधार पर जमीन की रजिस्ट्री की जाती है ।

*गवाहों को बचाने का प्रयास अब भी जारी*

रजिस्ट्री में दो गवाह हलीम फिरदौसी निवासी बगीचा जिला जशपुर व शम्भू प्रसाद यादव निवासी रामानुजगंज जिला बलरामपुर का नाम है । मामले में मृत व्यक्ति के नाम पर खड़े होकर फर्जी रजिस्ट्री करने वाले विक्रेता ने एसडीएम बगीचा को दिए आवेदन में बताया कि क्रेता की ओर से गवाह मुझे और आधार कार्ड देखकर पहचान कर हस्ताक्षर किए हैं । वे पहले से उसे नहीं जानते थे । जिला पंजीयक भी आधार कार्ड देखकर पहचान कर हस्ताक्षर किए थे ।

*भाजपा ने उठाया था फर्जी रजिस्ट्री का मुद्दा*

पिछले दिनों बीजेपी ने जिले के बगीचा तहसील में 5 एकड़ जमीन की फर्जी रजिस्ट्री का मुद्दा उठा था । जिसमें मृत व्यक्ति की जमीन को विक्रेता ने जमीन दलालों की मदद से आधार कार्ड में कूटरचना कर कुदरगढ़ी | कम्पनी के किसी व्यक्ति को बेच दिया था और इसकी रजिस्ट्री कर दी थी । मामले में कलेक्टर ने एसडीएम को जाँच रिपोर्ट देने को निर्देशित किया था जिसमें अब तक जाँच रिपोर्ट एसडीएम ने कलेक्टर को नहीं सौपी है । इधर मामले में जमीन का मालिकाना हक रखने वाले बरिसो ने भी बगीचा पुलिस से लिखित शिकायत कर मामले में जाँच व कार्यवाही की मांग की थी जिसमें पुलिस के द्वारा भी कोई जाँच कार्यवाही नहीं की गई । उक्त मामले में जिला प्रशासन के साथ स्थानीय प्रशासन लगातार सवालों के घेरे में नजर आ रहा है । अब मामले में रजिस्ट्री करने वाले विक्रेता ने सामने आकर अपना गुनाह कबुल करते हुए एसडीएम को लिखित आवेदन दिया है।उधर भाजपा नितिन राय ने प्रसासन को आड़े हाथ लेते हुये कहा कि जिला प्रशासन को अब और क्या चाहिए..?इतना बड़ा फर्जी रजिस्ट्री का पर्दाफान्स होने के वावजूद आखिर क्यों भूमाफियाओं को बचाया जा रहा है?इस मामले में जितने भी भूमाफियां आरोपी हैं उन सब सब पर अब तक तो एफआईआर हो जाना चाहिये परन्तु जिला प्रशासन चाहता क्या है..?वहीं श्री राय ने आगे कहा कि जल्द से जल्द सब आरोपियों पर एफआईआर होना चाहिये।

 

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