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*मुख्यमंत्री द्वारा “वर्चुअल लोकार्पण” के 6 महीने बीतने के बाद भी लाखों रुपए की लागत से बना अस्पताल बनी शो–पीस, स्वास्थ्य सुविधा से लोग हो रहे हैं वंचित, “डीडीसी सालिक साय” ने शासन प्रशासन पर लगाया लापरवाही का आरोप, “ऑनलाइन ऑफलाइन” लोकार्पण के मकड़जाल में फंसा स्वास्थय विभाग………………*

कांसाबेल। लोगों को स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सके उसके लिए ग्रामीण अंचलों में शासन प्रशासन द्वारा हरसंभव जगह जगह अस्पताल भवन निर्माण कराए जा रहे हैं, ताकि क्षेत्र के लोगों को चिकित्सा की सभी प्रकार की बुनियादी सुविधाएं उन्हें मिल सके।लेकिन यहां लाखों रुपए की लागत से बनी 10 बिस्तर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल क्षेत्र के लोगों के लिए बस शो पीस बनकर रह गई है।लेकिन इस अस्पताल की ओर किसी जनप्रतिनिधि एवं विभाग की नजर नहीं पड़ रही है।क्षेत्र की इस बड़ी समस्या को लेकर डीडीसी सालिक साय ने संज्ञान लेते हुए इस अस्पताल भवन का लोकार्पण के बाद भी संचालन शुरू नहीं होने पर शासन प्रशासन पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगाया है,।मामले में श्री साय ने जिला प्रशासन से तत्काल अस्पताल भवन में स्वास्थय सुविधाएं शुरू करने की मांग की है ,ताकि लोगों को स्वास्थ्य की बुनियादी सुविधाएं उन्हें उपलब्ध हो सके।जिले के कांसाबेल तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत दोकड़ा में 74 लाख 48 हजार रुपए की लागत से बने 10 बिस्तर अस्पताल का वर्चुअल लोकार्पण के बाद भी इस अस्पताल भवन का ताला तक नहीं खुल पाया।जिससे क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोग स्वास्थय की बुनियादी सुविधाओं से वंचित रह गए हैं।आपको बता दें कि दोकड़ा में बनी लाखों रुपए की लागत से बनी इस अस्पताल का प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 19 सितंबर 2021 को अपने निवास कार्यालय राजधानी में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रदेश के 28 जिलों में 2 हजार 834 करोड़ रुपए लागत के कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया था, जिसमें जिले के शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भवन चेतबा का भवन निर्माण कार्य लागत राशि 1 करोड़ 21 लाख 16 हजार ,जिला जशपुर के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र दोकड़ा का निर्माण लागत 74 लाख 48 हजार ,विकास खंड स्तरीय 500 सीटर ,250 सीटर, बालक एवं 250 सीटर बालिका अनुसूचित जनजाति छात्रावास जशपुर का निर्माण लागत 14 करोड़ 57 लाख 12 हजार एवं समप्रेक्षण गृह बालक के लिए भवन निर्माण लागत राशि 99 लाख 46 हजार का लोकार्पण में इन सभी भवन निर्माण का वर्चुअल के माध्यम से लोकार्पण किया गया था।लेकिन लोकार्पण के 6 महीने बीत जाने के बाद भी इस लाखों रूपए की लागत से बने अस्पताल भवन निर्माण का ताला नहीं खुल सका,जिससे क्षेत्र के लोगों भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।वही विभाग के जिला स्वास्थय अधिकारी रंजीत टोप्पो का कहना है की इस अस्पताल का वर्चुअल लोकार्पण हो चुका है,लेकिन जिले में मुख्यमंत्री के दौरे के दौरान फिर से विधिवत लोकार्पण किया जाएगा इसके बाद ही लोगों को नए अस्पताल भवन में स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकेगी।

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