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*प्रदेश में भगवान भी सुरक्षित नहीं बचे, नशे में उजड़ गया छत्तीसगढ़, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पर साधा निशाना, कहा भूपेश अब तो होश में आएं………………*

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जशपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णु देव साय ने कोरबा के शिव मंदिर में तोड़फोड़ और हनुमान जी की मूर्ति से चांदी की आंखें निकाल लिए जाने, मंदिर परिसर में शराब पीकर उल्टियां करने जैसी घटना का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर बड़ा हमला बोला है।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा है कि पूरा छत्तीसगढ़ नशे में उड़ रहा है, अब तो मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को होश में आ जाना चाहिए। राज्य में शराब के नशे में हिंसा, हत्या, बलात्कार, लूट, चोरी, डकैती जैसी वारदातें हर रोज हो रही हैं। प्रदेश की कानून व्यवस्था अपनी स्थिति पर जार जार रो रही है लेकिन सरकार अंधी गूंगी बहरी बन गई है। सरकार को राज्य की बिगड़ चुकी कानून व्यवस्था न तो दिखाई दे रही है न बलात्कार की शिकार हुई महिलाओं की चीत्कार सुनाई पड़ रही है और न ही वह इन बिगड़े हुए हालातों पर कुछ बोल पा रही है। कुछ करना तो दूर की बात है।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि ऐसा कोई दिन नहीं जा रहा जब शराब के नशे में बड़ी वारदातें न हो रही हों। अब तो हद हो गई। नशेड़ी संरक्षक सरकार के राज में छत्तीसगढ़ में भगवान तक सुरक्षित नहीं हैं। तब भला आम इंसान की सुरक्षा की गारंटी कौन ले सकता है? भूपेश बघेल की सरकार ने छत्तीसगढ़ को शराब सहित तमाम नशों में डुबो दिया है और यह सरकार शराब के धंधे की कमाई की खातिर राज्य की जनता के जानमाल और सम्मान के साथ साथ धार्मिक भावनाओं से भी खिलवाड़ कर रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जितना ध्यान दिल्ली दरबार की सेवा पर देते हैं, उसका यदि न्यूनतम भी छत्तीसगढ़ के हालात पर ध्यान दे रहे होते तो हालात इतने नहीं बिगड़ते। स्कूल में बच्चे झगड़ा करते हैं और हत्या हो जाती है। यह संस्कृति, यह संस्कार छत्तीसगढ़ में कभी नहीं थे लेकिन गली गली सुलभ नशे से अब स्कूली बच्चे भी सुरक्षित नहीं बचे हैं। बिना नशे के इतनी बड़ी वारदातें संभव नहीं हैं। हर मामले में यह तथ्य सामने आ रहा है कि छत्तीसगढ़ में जितनी भी बड़ी वारदातें हो रही हैं, वह सब नशे के कारण हो रही हैं लेकिन गंगाजल हाथ में लेकर शराबबंदी की कसम खाने वाली कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को नशे का गढ़ बना दिया है। जितने भी तरह के नशे होते हैं, छत्तीसगढ़ में वे सब के सब राजनीतिक संरक्षण में फल फूल रहे हैं। जिसका खामियाजा छत्तीसगढ़ की जनता भुगत रही है।

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