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*संतान की सुख-समृद्धि के लिए अस्ताचलगामी सूर्य को व्रतियों ने दिया अर्घ्‍य, धर्मनगरी कोतबा में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा छठ महापर्व… *

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कोतबा:-रविवार की शाम छठ पूजा पर शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों ने संतान के सुखी जीवन की कामना की। छठ पूजा के लिए कोतबा वार्ड क्रमांक 8 में सुकवासुपारा स्थिति तालाब व वार्ड 11 के हाईस्कूल के असुरबन्ध तालाब व वार्ड 1 के सतीघाट शिव धाम को श्रद्धालुओं द्वारा साफ-सफाई कर सजाया गया था। इससे पहले छठ पर्व के दूसरे दिन व्रतियों ने खरना कर छठ मइया की आराधना की। वहीं शनिवार की शाम को खरना का प्रसाद खाने के लिए लोग छठ व्रतियों के घर आते -जाते रहे। इस वजह से शाम को भी नगर में चहल-पहल रही। व्रतियों के घर भी प्रसाद वितरण में लोग व्यस्त रहे। सूर्यास्त के समय रसियाव खाकर व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत धारण कर लिया है। संतान के सुखी जीवन के लिए सूर्यदेव और छठी मइया की अराधना का चार दिवसीय महापर्व छठ शुक्रवार से शुरू हो चुका है। शनिवार की सुबह से ही खरना के लिए लोग ने तैयारी शुरू कर दी थी। गुड़ व गाय के दूध से बनी खीर का प्रसाद तैयार कर छठ मइया एवं अपने कुल देव को भोग लगाया। साथ ही सूर्यदेव को अर्घ्य देकर व्रत रखा गया। रविवार की शाम कोतबा के सुकवासुपारा स्थिति तालाब में 6 व्रती महिलाएं व असुरबन्ध तालाब में 1 व्रती व सतीघाट शिवधाम छठ घाट में 3 व्रती महिलाओं ने अलग-अलग तीन स्थानों पर बने छठ घाट में कुल 10 व्रती पानी में खड़े होकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिए। इस दौरान श्रद्धालु सूर्य भगवान की पूजा करते हैं और बांस से बने सूप में तमाम तरह के फल लेकर उनका भोग लगाते हैं। बाद में छठ प्रसाद बनाया जाता है। प्रसाद के रूप में ठेकुआ और चावल के लड्डू बनाते हैं। सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रतियों द्वारा का पारण किया जाएगा और छठ पर्व का समापन होगा। श्रद्धालु युवाओं में बताया कि यह पर्व स्वच्छता व शुद्धता का प्रतीक है। इस लिए वे आज सुबह से ही व्रतियों के घर से लेकर छठ घाट सुकवासुपारा स्थिति तालाब असुरबन्ध तालाब तक मुख्य मार्ग व तालाब के रास्ते को झाड़ू कर साफ सफाई की जिसके बाद गाय गोबर से लेपन कर छठ घाट का शुद्धिकरण किया गया। छठ घाटों के रास्ते में व्रतियों के स्वागत को जगह-जगह तोरणद्वार लगाए गए हैं। छठ महापर्व की सारी तैयारी युवाओं ने एकजुटता के साथ स्वेच्छा भाव से किया। छठ घाट के मार्गों को रंग-बिरंगी इलेक्ट्रिक लाइट्स व हैलोजन बल्ब से सजाया गया है।

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