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*ग्राउंड जीरो सरोकार : शहर की जीवन रेखा बांकी नदी को पुर्नजीवित करने का काम हुआ शुरू,सफाई के लिए मशीन के साथ शहरवासियों ने झोंकी ताकत,पन्द्रह दिन में पहला चरण पूरा करने की मशक्कत,नदी के धार से छेड़छाड़ का मामला आया सामने,बढ़ी चिंता……*

जशपुरनगर। जिला मुख्यालय जशपुर की जीवन रेखा कही जाने वाली बांकी नदी को पुर्नजीवित करने का काम शुक्रवार से शुरू हो गया है। पहले दिन जेसीबी के साथ शहरवासियों ने नदी की धार और आसपास के तटीय इलाके की सफाई के लिए जमकर पसीना बहाया। श्रमदान करने के लिए सुबह से ही लोग रायगढ़ रोड में स्थित बांकी नदी के पुल के पास जमा हो गए थे। दूसरे दिन भी नदी के तटों के सीमांकन का काम जारी रहा। इस बीच,अभियान में जुटे स्वयंसेवकों ने इंटरनेट मिडिया में एक फोटो पोस्ट कर,नदी की धारा से छेड़छाड़ करने का गंभीर आरोप लगाया है। अभियान में प्रमुख भूमिका निभा रहे सामाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता रामप्रकाश पांडे ने अपने पोस्ट में लिखा है कि सिटोंगा में बांकी नदी के उद्गम स्थल से आगे अज्ञात व्यक्ति ने खेत से गुजर रही बांकी नदी की धारा को जेसीबी चला कर जंगल के किनारे की ओर मोड़ दिया है। उन्होनें अपनी बात को स्पष्ट करने के लिए इस पोस्ट के साथ गुगल मैप की एक तस्वीर भी साझा की है। नदी की धारा के साथ की गई इस छेड़छाड़ का मामला दो दिन पूर्व कलेक्टर रितेश अग्रवाल की अध्यक्षता में जिला पंचायत के सभागार में आयोजित हुई संयुक्त बैठक में भी उठाया गया था। इस पर कलेक्टर ने,इसकी जांच कर,कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। सिटोंगा से निकल कर बांकी नदी जशपुर होते हुए नीमगांव तक जाती है। जिले में इसकी प्रवाह लगभग 18 किलोमीटर की है। जीर्णोद्वार के पहले चरण में गम्हरिया पुल से संजय निकुंज के पास स्थित स्टाप डेम तक लगभग 2 सौ 80 मीटर लंबी नदी और इसके आसपास की सफाई का काम पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही स्टाप डेम में गेट लगा कर,जल भराव का स्तर भी बढ़ाने की योजना बनाई गई है। हालांकि,इस लक्ष्य में नदी के किनारे स्थित नीजि स्वामी हक की जमीन एक बाधा बन सकती है। इसके लिए कलेक्टर ने भू स्वामियों को इस अभियान में जोड़ने का सुझाव दिया है। देखना होगा,नदी की धारा को चौड़ा करने की यह योजना कहां तक कामयाब हो पाती है।

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