जशपुरनगर। जिला मुख्यालय के आसपास,जिला प्रशासन के नाक के नीचे रेत के नाम पर गुंडा टैक्स वसूली का खुला खेल चल रहा है। आपराधिक तत्वों के इस करतूत की ओर से पुलिस प्रशासन ने भी आंखें मूंदी हुई है। जानकारी के लिए बता दें कि इस समय पूरे जिले में एक भी रेत घाट स्वीकृत नहीं है। प्रदेश सरकार द्वारा रेत घाट का संचालन ग्राम पंचायतों को सौपे जाने की घोषणा के बाद,गाइडलाइन के अभाव में रेत घाट स्वीकृत करने की प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पाई है। सरकार के इसी ढुलमुल रवैया का फायदा,रेत माफिया जमकर उठा रहा है। शहर के नजदीक ग्राम पंचायत खरसोता में यह खेल जंबे अर्से से चल रहा है। यहां लावा नदी में निर्मित एनीकट और उच्च स्तरीय पुल के समीप अंधाधुंध रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इतना ही नहीं माफिया द्वारा प्रति ट्रेक्टर 2 सौ से 5 सौ रूपये की अवैध वसूली भी की जा रही है। अवैध उत्खनन से नदी के साथ एनीकट और उच्च स्तरीय पुल के अस्तित्व पर भी खतरा मंडरा रहा है। डूमरटोली स्थित यह एनीकट,पूरे शहर का प्यास बुझाता है। बारिश की चपेट में आ कर यह एनीकट दो बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। इसके बावजूद,अधिकारी इसकी सुरक्षा को लेकर गंभीर नजर नहीं आ रहें हैं। रेत के इस अवैध कारोबार से शासन को रोजाना लाखों के राजस्व की हानि हो रही है। लेकिन,इस ओर से खनिज विभाग सहित पूरा प्रशासनिक अमला लापरवाह नजर आ रहा है। खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास पेट्रोलिंग के लिए सरकारी वाहन नहीं है। वाहन के अभाव में वे रेत सहित गौण खनिज के अवैध उत्खनन के मामलों की निगरानी और कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। मिडिया में उजागर होने वाले अवैध उत्खनन के मामलों में भी खनिज विभाग के अधिकारी,कार्रवाई करने में नाकाम नजर आ रहें है। बीते दिनों एनएच किनारे स्थित ग्राम चापाटोली के पास मुरूम के अवैध उत्खनन के मामले में विभाग अब तक कोई कार्रवाई नहीं कर पाया है।