जशपुरनगर। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्रांगण दुलदुला में रविवार को गरिमामय विदाई समारोह आयोजित हुआ। दुलदुला विकास खण्ड में कार्यरत सभी डाक्टर,स्टाफ और स्वास्थ्य कर्मियों ने डॉ.विपिन कुमार इंदवार का जशपुर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बनने पर अभिनन्दन एवं दुलदुला से जशपुर ट्रांसफर होने पर गरिमामय विदाई समारोह आयोजित कर उन्हें नम आंखों से विदा करते हुए उनके मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बनने पर उनका स्वागत किया।अपने सम्मान और विदाई में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए डा.इंदवार ने कहा कि आपके सहयोग और स्नेह के कारण ही इस मुकाम तक पहुंचा हूं…..एक ग्रामीण साधारण परिवार में पले पढ़े होने और हिन्दी माध्यम के विद्यार्थी होने के कारण काफी कठिन परिस्थितियों में हमने शिक्षा हासिल कर एक लक्ष्य को लेकर आगे बढ़े और मुकाम हासिल किया। उन्होंने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब मैं वर्ष 1990 में दुलदुला ज्वाइन करने पतराटोली पहुंचा तो उस समय दुलदुला के लिए कोई साधन न होने के कारण एक सज्जन के सायकल में पीछे बैठकर अस्पताल पहुंचा था। परिस्थिति अनुकूल नहीं थी फिर भी हमने अपने दायित्व को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निर्वहन किया। उन्होंने शानदार विदाई और अभिनंदन समारोह आयोजित करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और पूरे दुलदुला विकास खण्ड के स्वास्थ्य कर्मियों को धन्यवाद देते हुए आभार व्यक्त किया।
समारोह को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के अध्यक्ष नेहरू सोनी ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.व्ही.के.इंदवार के शिक्षा दिक्षा और चिकित्सा अधिकारी से मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बनने तक के सफर एवं प्रशासनिक कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए माहौल को शायराना अंदाज में संबोधित करते हुए कहा कि डा.विपिन कुमार इंदवार का जन्म ग्राम गोरिया टोली विकास खण्ड मनोरा जिला-जशपुर के एक प्रतिष्ठित कृषक परिवार में हुआ। वे बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं। एक साधारण कृषक परिवार में जन्मे इंदवार सर का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बनने तक का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा और उन्होंने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और कड़ी मेहनत से जिले के सबसे बड़े पद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ सिविल सर्जन के प्रतिष्ठापूर्ण पद को सुशोभित कर रहे हैं। श्री सोनी ने कहा कि राजस्व विभाग में होते हुए भी कई अवसरों में आपके साथ काम करके काफ़ी अच्छा लगा और बहुत कुछ हमें आपसे सीखने को मिला। आपने दुलदुला विकास खण्ड में लम्बे समय तक स्वास्थ्य विभाग की सेवा की है। कोरोना महामारी जैसे भयंकर त्रासदी का सफलतापूर्वक संचालन करके अपनी प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवाया है।
आपकी प्रथम नियुक्ति फरवरी 1990 में मेडिकल आफिसर के रुप में दुलदुला में हुई और आप वर्ष 1992 से 2023 तक लम्बे अरसे तक विकास खण्ड स्वास्थ्य अधिकारी का महत्वपूर्ण पद का दायित्व निभाया। इसके पश्चात आपकी योग्यता और लम्बे प्रशासनिक अनुभव को देखते हुए छत्तीसगढ़ शासन ने आपको जशपुर जिले का मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के प्रतिष्ठापूर्ण पद पर नियुक्त किया।आपने प्रतिष्ठित मेडिकल कालेज इंदौर से एम.बी.बी.एस.की शिक्षा प्राप्त की। आपकी प्रारंभिक शिक्षा गृह ग्राम में ही हुई तथा हायर सेकंडरी की परीक्षा आपने जशपुर से हासिल की। रायपुर में आपने पी.एम.टी.की परीक्षा उत्तीर्ण कर मेडिकल आफिसर बने। इस क्षेत्र के सबसे लोकप्रिय डाक्टर के रूप में आपने एक अलग पहचान बनाई हैं या यूं कहूं तो अतिशयोक्ति नहीं होगा कि आप यहां के लोगों के लिए मसीहा से कम नहीं है। आप यहां से जशपुर ट्रांसफर पर गये हैं,वहां भी आप अपने प्रशासनिक क्षमता का लोहा मनवायेंगे हमे पूरा विश्वास है। हम आपके सफल, सुखद, स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना करते हैं।
श्री सोनी ने कहा कि अंत में आपके लिए चार लाईन कहूंगा……..
*सितारों को आंखों में महफूज रख लो, बड़ी दूर तक रात ही रात होगी………*
*मुसाफिर हो तुम भी मुसाफ़िर हैं हम भी, इसी मोड़ पर जशपुर में फिर मुलाकात होगी……*
विदाई समारोह को बीएमओ डा.शोभा मिंज, हेल्थ सुपरवाइजर श्री दास, डा.एम.माणिक, डा.श्रीवास्तव, नेहरू सोनी, अध्यक्ष कर्मचारी/अधिकारी फ़ेडरेशन ने भी संबोधित किया और सभी ने डा. व्ही.के.इंदवार जी के प्रशासनिक क्षमता और कर्मचारियों के प्रति स्नेह और अपनेपन की भूरि -भूरी प्रशंसा करते हुए उन्हें नवीन पदस्थापना के लिए अपनी शुभकामनाएं दी।
विदाई समारोह का सफल संचालन श्रीमती सविता मिश्रा ( नेत्र विभाग ) ने किया एवं आभार प्रदर्शन विकास खण्ड चिकित्सा अधिकारी डॉ शोभा मिंज दुलदुला ने किया।
*जमकर थिरके स्वास्थ्यकर्मी*
अभिनंदन समारोह में स्वास्थ्य कर्मियों ने ढोल और मांदर के थाप पर जमकर डांस भी किया।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, दुलदुला की ओर से डा.इंदवार को स्मृति चिन्ह और गिफ्ट भेंट किया गया। अंत में सामूहिक भोज के साथ गरिमामय समारोह का समापन हुआ।