जशपुरनगर। कुपोषण आने वाली पीढ़ी के लिए श्राप है। आज जशपुर निवासी सम्वेदना समूह सदस्य श्रीमती आशा जैन ने अपने 6 माह के बेटे मृत्युंजय, 4 साल की बेटी मेहर और पति राजेश जैन के साथ अपने बच्चे के अन्नप्रशान संस्कार से पहले जशपुर के राजा देव शरण सरकारी अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र जाकर , उपस्थित नव जात शिशुओं और कुपोषण के कुचक्र से ग्रसित बच्चों को दूध बिस्किट ,फल और डाईफ्रूट वितरण कर समाज से कुपोषण से मुक्ति का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि कुपोषण बच्चों के सर्वागीण विकास का सबसे बड़ा अवरोध है। कुपोषण के कारण बच्चे का शारीरिक मानसिक और बौद्धिक विकास प्रभावित होता है, अतः हम सब को मिलकर कुपोषण को हटाना होगा। हर मां बच्चे के जन्म के उपरांत नियमित पोषण आहार लें । गर्भ के दौरान पोषण आहार लें और ज्यादा से ज्यादा आराम करें ताकि बच्चे का सम्पूर्ण विकास हो सके।
विदित हो कि आशा जैन के वच्चे को जन्म से ही ह्रदय की गंभीर बीमारी थी ,किन्तु उन्होंने हार नही मानी और नागपुर के किंग्सवे हॉस्पिटल में डिलेवरी के दूसरे दिन नवजात की ओपन हार्ट सर्जरी हुई और आज बच्चा पूर्ण रूप से स्वस्थ है। आशा का मानना है कि बच्चे देश के भविष्य होते हैं, उन्हें स्वस्थ और संस्कारी बनाना हर माता पिता और समस्त मानव समाज का कर्तव्य है। एक वर्ष पूर्व आशा की बेटी रिद्धि जैन 3 वर्ष ने कोरोना महामारी के समय कलेक्टर नीलेश क्षीरसागर को राज्य कोरोना सहयोग कोष हेतु अपनी गुल्लक दान की थी।
आशा जैन ने सम्पूर्ण समाज से आग्रह किया है कि जब भी आपके बच्चे का जन्मदिन या घर पर कोई पारिवारिक आयोजन हो तो पूरी श्रद्धा के साथ जिले को कुपोषण मुक्त बनाने हेतु पोषण पुनर्वास केंद्र आकर प्यारे नवनिहालो को पोषण आहार अवश्य उपलब्ध कराएं ,ताकि हमारा जशपुर हमारा प्रदेश कुपोषण मुक्त होकर सुपोषित प्रदेश बनकर गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की कल्पना को साकार और मूर्त रूप दे सके
हमारा छोटा सा सहयोग देश के भविष्यों को स्वस्थ जीवन की और अग्रसर कर सकता है।