जशपुरनगर। नि:शुल्क शिक्षा और चिकित्सा का आश्वासन देकर किसान के पूरे परिवार का मतांतरण करा,चर्च निर्माण के लिए 20 एकड़ जमीन लेने के मामले में जनजातिय सुरक्षा मंच की पहल पर मामले को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग ने संज्ञान में लेते हुए,जिला प्रशासन से सात दिन के अंदर मामले की पूरी जानकारी तलब की है। आयोग को जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर ने कुनकुरी के एसडीएम से मामले की जांच कर,प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग द्वारा की गई कार्रवाई से तीन दशक से जमीन और मुआवजा पाने के लिए भटक रहे किसान को न्याय की उम्मीद जागी है। जानकारी के लिए बता दें कि दुलदुला निवासी किसान क्लेमेंट लकड़ा ने बीते दिनों जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत को सौंपें गए ज्ञापन में बताया था कि दुलदुला में चर्च निर्माण के लिए उसके पिता को नि:शुल्क शिक्षा और चिकित्सा का वायदा कर,20 एकड़ जमीन तात्कालिन रायगढ़ डाइस ने लिया था। जमीन लेने के बाद,किए गए वायदे को नहीं निभाया। इस पर,उनके पिता ने धारा 170 ख के तहत एसडीएम कुनकुरी के न्यायालय में वाद दायर कर,जमीन वापस मांगी ताकि खेती कर,परिवार का सही तरीके से भरण पोषण किया जा सके। एसडीएम के न्यायायल ने किसान के पक्ष में निर्णय देते हुए खाली जमीन को वापस करने और निर्माण में उपयोग किए गए जमीन के बदले में मुआवजा राशि देने का निर्णय सुनाया। अनावेदकों ने इस निर्णय के विरूद्व जिला न्यायालय,कमीश्नर न्यायालय में अपील दायर की। लेकिन हर,जगह से अपील खारिज हो गई। इसके बावजूद अब तक किसान क्लेमेंट लकड़ा को न तो खाली जमीन वापस मिली है और न ही मुआवजा राशि। जनजातिय सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने राष्ट्रीय अनुसुचित जनजातीय आयोग को पत्र लिख कर क्लेमेंट लकड़ा को न्याय दिलाने का अनुरोध किया था। इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने कलेक्टर जशपुर से 7 दिन के अंदर पूरे मामले की जानकारी मांगी है।