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*जशपुर फर्जी रजिस्ट्री मामला : अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक गणेश राम भगत ने कहा “जब मृत आदमी के जमीन की फर्जी रजिस्ट्री,कूटरचना,दस्तावेज में स्पष्ट दिख रही है,तो प्रशासन क्या जांच कर रही है..? अब तक मामले में प्रशासन ने FIR दर्ज क्यों नहीं कराया…? भूमाफियाओं को किसका संरक्षण है ? क्रेता,विक्रेता,गवाह समेत रजिस्ट्री करने वाले अधिकारी सवालों के घेरे में….*

 

जशपुरनगर।जशपुर जिले के बगीचा कमारिमा स्थित मृत दुर्जन राम के 5 एकड़ जमीन की फर्जी रजिस्ट्री मामले में अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच के राष्ट्रीय संयोजक व पूर्व मंत्री गणेश राम भगत ने साफ शब्दों में कहा है कि जब दस्तावेजों में कूटरचना और मृत व्यक्ति के जगह दूसरे व्यक्ति के खड़े होकर रजिस्ट्री करने का प्रमाण सामने है तो मामले में अब तक प्रशासन ने कोई कार्यवाही क्यों नहीं की, उन्होंने भूमाफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।

गौरतलब है कि जमीन के फर्जी रजिस्ट्री मामले में लगातार प्रशासन की फजीहत हो रही है वहीं सरकार भी सवालों के घेरे में है।इधर जमीन की फर्जी रजिस्ट्री करने वाले विक्रेता ने अपना कुबूलनामा देकर गलती स्वीकार करते हुए एसडीएम को आवेदन दिया है।

हांलाकि विक्रेता द्वारा दिए गए आवेदन से स्पष्ट है कि क्रेता, गवाहों समेत रजिस्ट्रार को बचाने की कवायद की जा रही है।दरअसल पैसे के लेन देन को लेकर यह बातें सामने आई जिसमें पुलिस व एसडीएम से मामले की शिकायत की गई।वहीं जब दस्तावेजों में कूटरचना व फर्जीवाड़ा स्पष्ट हो गया तो मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।

 

जनजातीय सुरक्षा मंच के हितरक्षा प्रमुख रामप्रकाश पांडेय में बताया कि पूर्व में जशपुर में ऐसे ही एक मामले में क्रेता, विक्रेता,गवाह समेत रजिस्ट्रार पर आपराधिक मामला दर्ज कर कार्यवाही की जा चुकी है।उक्त मामले में भी कूटरचना स्पष्ट सामने है जिसमें अब तक प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की है।एसडीएम व कलेक्टर की न्यायिक जिम्मेदारी है जिसमें उन्हें स्वतंत्र व निष्पक्ष होकर निर्णय लेना चाहिए जिससे इस तरह के गंभीर अपराधों को रोका जा सके।ऐसे मामलों में कार्यवाही न होने से भूमाफियाओं के हौसले बुलंद हो जाते हैं और भविष्य में पुनः ऐसी गलती दोहराई जाती है।

पूर्व मंत्री गणेश राम भगत का कहना है कि उक्त मामले में जिला प्रशासन द्वारा गलती सामने आने के बाद कोई कार्यवाही नहीं करना प्रशासनिक अमला के मिलीभगत को उजागर करता है।शायद सरकार उधोगपतियो को यहां बैठाने के लिए ऐसे कारनामे कर रही है।प्रशासनिक सजगता के अभाव में ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। बगीचा ब्लॉक में पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जैसी जनजातियां रहती है जहां प्रशासन को हरपल सजग रहने की आवश्यकता है।उन्होंने भूमाफियाओं के काले कारनामों पर तत्काल कड़ी कार्यवाही की मांग की है।

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