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*मृदा संरक्षण व संवर्धन को लेकर हुई सार्थक पहल, हाई स्कूल फरसटोली में विश्व मृदा दिवस पर परिचर्चा कार्यक्रम का किया गया आयोजन, मृदा संरक्षण करने बतलाए उपाय……*

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कोतबा/जशपुर:-शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय फरसटोली में विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष्य में मृदा संवर्धन पर विद्यालय के युवा एवं ईको क्लब द्वारा परिचर्चा कार्यक्रम आयोजित किया गया।जिसमें क्लब के समस्त छात्र छात्राओं सहित शिक्षकगण कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।जिसमे मृदा संरक्षण व संवर्धन को लेकर परिचर्चा की गई।
युवा एवं ईको क्लब के प्रभारी शिक्षक गोपाल प्रसाद चौहान ने बताया कि मृदा जिसे हम आम बोलचाल की भाषा मे मिट्टी कहते हैं। हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होती है। मिट्टी के महत्व को याद रखने और उसके संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है। विश्व मृदा दिवस की शुरुआत 5 दिसम्बर 1927 को थाईलैंड के राजा एच एम भूमिबोल का जन्म 5 दिसंबर के दिन हुवा था। इन्होंने अपने देश मे 70 वर्षो तक शाशन किया अपने कार्यकाल में कृषि भूमि तथा खाद्य उत्पादन से सम्बंधित सर्वाधिक कार्य किया जिस वजह से संयुक्त राष्ट्र संघ ने सर्वप्रथम 5 दिसंबर 1913 से विश्व मृदा दिवस मनाने को घोषणा की थी। संयुक्त राष्ट्र के तहत संचालित अंतरराष्ट्रीय संगठन आज के दिन मृदा दिवस मनाते हैं। इसका उद्देश्य लोगों का ध्यान मृदा संरक्षण और टिकाऊ प्रबंधन की ओर लाना है। मिट्टी के क्षरण के बारे में जागरूक करना है, जोकि एक गंभीर पर्यावरणीय समस्या है, जिसे मिट्टी की स्थिति में गिरावट के रूप में जाना जाता है। उद्योगों द्वारा पर्यावरण मानकों के प्रति लापरवाही और कृषि भूमि के कुप्रबंधन से मिट्टी की स्थिति खराब होती है।वही संस्था के प्राचार्य जी साय ने मिट्टी का परिचय देते हुए इसके महत्व को बताया।व्याख्याता उषा साहू ने मृदा संरक्षण के उपाय व महत्त्व पर प्रकाश डाला।व्याख्याता नीलोफर जोशी ने मृदा के आध्यात्मिक पक्ष का वर्णन किया।व्याख्याता मुरलीधर गुप्ता ने मृदा क्षरण के कारण तथा इससे नुकसान पहुंचाने वाले तत्वों के बारे में बताया कि किस प्रकार पेड़ पौधों के तेजी से हो रहे कटाव के कारण मृदा का क्षरण हो रहा है। वही ईको क्लब प्रभारी ने प्लास्टिक तथा प्लास्टिक से बने पदार्थों के अत्यधिक प्रयोग को मृदा के गुणवत्ता में कमी का कारण बताया चूंकि मिट्टी से 95% खाद्य पदार्थ आता है इसलिए इसका इसका संवर्धन करना अत्यंत आवश्यक है।सहायक शिक्षक हेमलता नायक ने कृषि कार्यो में मिट्टी के महत्व पर प्रकाश डाला कि अच्छी एवं उपजाऊ मिट्टी से ही अच्छी फसल होती है।अतः इसकी उपजाऊ छमता को बचाने के लिए एकमात्र उपाय ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना कारगर है। छात्र छात्राओं की ओर से कु.रेखा चौहान ने मृदा के महत्व को बताते हुए विचार रखा कि हम सभी अब भविष्य में यथासंभव मृदा का संरक्षण करेंगे।वही कु.ज्योति यादव,कु.रागिनी बंजारा, कु.होलिका यादव,भोला शंकर पैंकरा,केतम बंजारा सहित अनेको छात्र छात्राओं सहित शिक्षक उषा साहू,नीलोफर जोशी,मुरलीधर गुप्ता, प्रियंका शर्मा हेमलता नायक व ईको क्लब के सभी सदस्य उपस्थित थे।

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