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*यह सरकारी योजना का लाभ मिलने पर आदिवासी क्षेत्र के इन बालिकाओं के चेहरे खिल उठे,कहा 20 किलोमीटर का पैदल सफर करने के बाद पहुंचते थे स्कूल,लेकिन सरकार का धन्यवाद जो सरकार ने हमारी वेदना को समझी और शुरू की यह योजना…ग्राउंड जीरो न्यूज में देखें पूरा वीडियो*

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मिला नया पंख,लेंगी नई उड़ान,बालिकाओं के चेहरे पर छाई मुस्कान,सरस्वती निःशुल्क सायकल वितरण योजना...

जशपुर/सन्ना(राकेश गुप्ता की रिपोर्ट):- जशपुर जिले के बीहड़ आदिवासी सन्ना क्षेत्र के शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सन्ना के कक्षा नवमीं में पढ़ने वाले नवीन 76 स्कूली क्षात्राओं को सरस्वती साइकल योजना के तहत साइकल मिलने से बालिकाओं में काफी खुशी देखने को मिली।खास बात यहाँ यह रहा कि जहां सन्ना के इस स्कूल में कक्षा नवमीं में नवीन रूप से अध्ययन करने वाले क्षात्राओं ने बताया कि वो लगभग 20-20 किलोमीटर की पैदल सफर करके सन्ना के स्कूल में पढ़ाई करने पहुंचते थे जिससे उन्हें काफी परेशानी जाती थी। लेकिन अब साइकल मिलने से उनका बोझ हल्का हुआ और उन्हें काफी सोहलियत मिली है।उन्होंने कहा कि सरकार ने हमारी इस वेदना को समझी और हमारे लिए यह योजना लागू किया गया जिसका लाभ हम लोगो को अब मिल रहा है उन्होंने सरकार का धन्यवाद भी ज्ञापित किया है।

आपको बता दें कि सरस्वती साइकिल योजना के तहत 9 वीं कक्षा में अध्ययनरत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग और अन्य वर्ग के बीपीएल परिवार की बालिकाओं को साइकिल दी जाती है। ये योजना एक ऐसी महत्वाकांक्षी योजना है जो ना सिर्फ बेटियों को स्कूल आने-जाने में मदद करती है बल्कि बेटियों की शिक्षा की राह भी आसान करती है।योजना के तहत छात्राओं को मुफ्त साइकिल प्रदान करके उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया गया| इस योजना के शुरु होने के बाद से प्रदेश में बालिका शिक्षा का आंकड़ा बढ़ा है। योजना के शुभारंभ के दौरान सिर्फ अजजा वर्ग व बीपीएल श्रेणी की छात्राओं को ही साइकिल प्रदान की जाती थी। लेकिन बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने पिछले कुछ वर्षों से सभी वर्गों की बालिकाओं को योजना का लाभ दिया जा रहा है।इस योजना का शुभारंभ सन् 2004-2005 में उस समय के तात्कालिक मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने किया था जिसका लाभ आज तक बच्चों को मिल रहा है।

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