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*सात सौ गांव के मालिक खुड़िया जमीदार गरीबों का हक मारते हुए किस आधार पर गरीबी रेखा कार्ड और रोजगार गारंटी का जॉब कार्ड बनवाये हैं। पहाड़ी कोरवा एंव बिरहोर विकास अभिकरण के अध्यक्ष मनकुमार राम ने उठा दिए ऐसे सवाल कि मच गया बवाल…..*

 

जशपुरनगर। पहाड़ी कोरवा एंव बिरहोर विकास अभिकरण के अध्यक्ष मनकुमार राम ने प्रदीप दिवान के द्वारा जारी गए विज्ञप्ति को लेकर गणेश राम भगत का समर्थन करते हुए दीवान के विरुद्ध गंभीर सवाल उठाए हैं।
मनकुमार राम ने कहा कि सनातन हिन्दू संस्कृति के सच्चे पथिक,आदिवासियों के हितैषी, गरीबों के मसीहा आदरणीय गणेश राम भगत जी की जीवनी एक खुली किताब है जो किसी भी परिस्थिति में अपने स्वभिमान से समझौता नहीं किया। कुछ मौका परस्त बहुरूपिये लोग अपने आप को पहाड़ी कोरवा, आदिवासी समाज के नेता बता रहे हैं जो पहाड़ी कोरवा, जनजाति आदिवासी समाज के लोग आदि अनादि काल से जल जंगल जमीन को रक्षा करते हुए आ रहे हैं उनके कर्तव्यों को हत्या करते हुए सौदेबाज लोगों ने आदरणीय कुमार साहब के सपनो को ध्वस्त करते हुए सौदा कर डाले। आदरणीय गणेश राम भगत जी ने परम् श्रधेय आदरणीय कुमार साहब के द्वारा बताए गए मार्ग पर चलते हुए धर्म और संस्कृति के रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हुए जो इस क्षेत्र में काम किया है, कर रहे हैं इसके लिए इस क्षेत्र के पूरे जनता जनार्दन गवाह है। उक्त बातें पहाड़ी कोरवा एंव बिरहोर विकास अभिकरण के अध्यक्ष मनकुमार राम पहाड़ी कोरवा ने प्रदीप दिवान के द्वारा जारी गए विज्ञप्ति का जबाब देते हुए कही ,मनकुमार राम पहाड़ी कोरवा समाज के प्रतिनिधि हैं और प्रदीप दिवान के द्वारा पूर्व मंत्री गणेश राम भगत पर लगाये गए बेबुनियाद आरोप पर अपनी नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा।सवाल खड़ा वाले लोग को जरा याद करें….
1 आज से कुछ साल पहले सुलेसा के बाजार से बगीचा के व्यवसायी को नक्सलियों ने अगवा कर लिया था लेकिन गणेश राम जी के पहल से उन्हें छोड़ना पड़ा।
2 गणेश राम जी ने अपने जीवन को दांव पर लगाते हुए पूरे जशपुर जिले को नक्सल मुक्त करवाया।

3. जो दिवान कुमार साहब के आत्मा बस्ती में बसती है बता रहे हैं फिर उनके द्वारा बताये गए मार्ग को अवहेलना करते हुए एक बार नहीं दो बार उनके द्वारा खड़े किये गए प्रत्यासी को हरवाने का काम किया। उनके गृह ग्राम छेत्र को उनके रियासत, विरासत को भी नहीं छोड़ा ऐसे लोग कैसे जनजाति नेता हो सकते हैं।

4. जो लोग हजारों एकड़ जमीन के जमींदार होकर जमीन बेचना और फिर धन का लालच में वापस लेने का काम किया ऐसे लोग कैसे जनहितैषी हो सकते हैं
मनकुमार राम ने कहा कि अगर प्रदीप दिवान सात सौ गांव के मालिक है और अपने को राजपरिवार और खुड़िया जमीदार कहते हैं तब वे गरीबी रेखा कार्ड बनाकर और रोजगार गांरटी योजना में जॉब कार्ड बनाकर किसी गरीब आदिवासी का हक क्यों मार रहे हैं।जबकि आज तक किसी भी व्यक्ति ने उन्हें हाथ मे कुदाल उठाकर रोजागर गारंटी में काम करते हुए नहीं देखा है फिर भी उन्हें रोजगार गारंटी योजना का मजदूरी कैसे मिल रहा है ।यह गम्भीर आरोप हर्राडिपा के ग्रामीणों ने उठाया है जिस पर जिला प्रशासन को गम्भीरता पूर्वक जांच करते हुए दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करना चाहिए। मनकुमार राम ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए कहा कि न केवल पाठ क्षेत्र में बल्कि देश के जिस भी हिस्से में कोई भी सक्षम व्यक्ति यदि गरीब लोगों के चावल और उनके रोजगार पर डांका डालकर उनके हक छिनने का प्रयास किया है उन सबके विरुद्ध जांच होनी चाहिए और ऐसे सभी लोग जो सक्षम होकर गरीबी रेखा कार्ड बनाकर सरकारी चावल और मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनाकर मजदूरों का हक मार रहे हैं उन सभी को जेल भेजना चाहिए और इसके लिए वे भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को भी पत्र लिखकर मामले की गम्भीरता से जांच की मांग करेंगे।

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