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*बादल खोल अभ्यारण में वनों की अवैध कटाई और सड़क निर्माण में हो रहे भ्रष्टाचार को लेकर होगा एक दिवसीय धरना प्रदर्शन ,प्रदेश के कद्दावर आदिवासी नेता गणेश राम भगत सहित हजारों लोग होंगे धरना प्रदर्शन में शामिल……………*

 

जशपुरनगर। (सोनू जायसवाल)जिले के बादल खोल अभ्यारण में लकड़ी की अवैध कटाई को लेकर क्षेत्र में जमकर विरोध जताया जा रहा है,बीते दिनों बादल खोल अभ्यारण में पूर्व मंत्री गणेश राम भगत के द्वारा जनजातीय सुरक्षा मंच के पदाधिकारीयों के साथ निरीक्षण के दौरान जंगलों में पेड़ों की अवैध कटाई की जा रही थी,जिसपर मौके से ही पूर्व मंत्री ने विभाग के अधिकारियों एवं प्रदेश सरकार के खिलाफ भड़कते हुए जमकर विभाग पर कई गंभीर आरोप लगाया था,उसके बाद 22 फरवरी को घटना के जिम्मेदार कर्मचारियों एवम अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर अब एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किए जाने का एलान कर दिया है।गौरतलब है कि अभ्यारण्य के भीतर घटिया सड़क निर्माण व वन कर्मचारियों की कई वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ रहने व जशपुर जिले के बादलखोल अभ्यारण्य व अन्य क्षेत्रों में पेड़ो की अंधाधुध कटाई एवं, विभिन्न विषयों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन के संबंध एसडीएम को लिखित सूचना दी गई है।ग्रामीणों ने बताया कि जिले में अवेध रुप से पेड़ो की अंधाधुध कटाई वन विभाग द्वारा ठेकेदार के माध्यम से बादलखोल अभ्यारण्य में सड़क निमार्ण कार्य कराया जा रहा है एवं वन विभाग के कर्मचारी एक ही स्थान पर वर्षो से पदस्थ है जो लकड़ी तस्करों से मिलकर पेड़ो की अंधाधुंध कटाई में संलिप्त रहते है उक्त विषयों को लेकर दिनांक 22/02/2022 दिन मंगलवार समय दोपहर 12 बजे से धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया है जिसमें हजारों कि संख्या में महिला पुरुष भाग लेंगे । वन परिक्षेत्र कार्यालय नारायणपुर के सामने एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया जाएगा , उक्त कार्यक्रम में विशेष रूप से गणेश राम भगत राष्ट्रीय संयोजक अखिल भारतीय जनजाति सुरक्षा मंच एवम रामप्रकाश पांडेय अधिवक्ता सहित जिले के मंच के पदाधिकारीगण विशेष रूप से सम्मिलित रहेंगे । जनजातिय सुरक्षा मंच के इस आंदोलन की घोषणा के बाद कोरोना काल के बाद फिर से जशपुर का माहौल एक बार गर्म होता दिख रहा है ।ज्ञात हो जशपुरांचल में जल जंगल जमीन की रक्षा को लेकर जनजातिय सुरक्षा मंच अग्रेसिव रहा है जिसके कारण जिले में प्रस्तावित स्टील प्लांट ,एथेनॉल प्लांट सहित बाक्साइड खनन के विषय पर सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा है।

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