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*एक ऐसा गांव….जहां आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है ग्रामीण सड़क,पानी, सहित बिजली की बार बार ट्रिपिंग समस्या से….इस गांव में सभी दावे खोखले देखिये वीडियो …*

 

आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है ग्रामीण...

(मुकेश नायक की ग्राउंड रिपोर्ट )

सिंगीबहार :- चौमुखी हरियाली के बीच नागलोक रहवासी आजादी से आज तक मूलभूत सुविधाओ से वंचित है । मामला जनपद पंचायत -फरसाबहार के ग्राम पंचायत पंडरीपानी के ग्राम -भीतघरा वार्ड नम्बर- 1 जो कि जनपद मुख्यालय से महज 10 किलोमीटर की दूरी में है। यहां के निवासी बिजली, पानी, सड़क सहित मूलभूत सुविधाओं को लेकर तरस रहे हैं. नागलोक में एक से बढ़ कर एक केंद्र सहित प्रदेश के बड़े नेता से लेकर क्षेत्रीय प्रतिनिधि है पर किसी भी बड़े नेता की नजर शायद इस गांव के लोगों की मूलभूत समस्या पर नहीं पड़ी है.यहां पीने के पानी की दिक्कत है साथ ही बताया जा रहा कि यहां आज भी लोग कुँआ के पानी पीने को मजबूर हैं । ग्राम पंचायत-पंडरीपानी के भितघरा वार्ड नम्बर – 1 में करीब दर्जन भर परिवार ऐसे हैं जिन्हें पीने के लिए पानी चलने को सड़क नही हैं । इनको अगर राशन लेने पंचायत मुख्यालय आना पड़े या किसी बीमार व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल ले जाना हो तो करीब 8 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ता है । गांव में आवागमन के लिए गड्ढों से भरा कच्चा रास्ता पगडण्डी , दिनभर बिजली की बार-बार ट्रिपिंग। यह हालात ग्राम पंचायत -पंडरीपानी के भीतघरा बस्ती में बनी हुई है । बिजली कार्यलय के पीछे महज 6 किलोमीटर में यह गांव होने के बाद भी यहां के लोगों को बिजली के लिए बदतर हालातों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र के लोगों का कहना है कि सांसद ,विधायक , जनपद अध्यक्ष सदस्य से लेकर जिला प्रतिनिधि जिला प्रशासनिक अधिकारियों तक गुहार लगाने के बाद भी मूलभूत सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। गांव में मुख्य मार्ग तक तो सड़क कुछ हद तक ठीक है लेकिन जैसे ही भितघरा बस्ती में घुसेंगे वैसे ही गड्ढों से भरी कच्ची सड़क एवं पगडण्डी का सफर करना पड़ता है । सालों साल से यहां पर लगभग दर्जनों परिवार निवासरत हैं। लोगों को अपने गांव तक जाने के लिए मेन रोड इमलीटोली से भितघरा तक कच्ची सड़क एवं पगडण्डी मार्ग का सफर तय करना पड़ता है । यहां के ग्रामीण प्लादीयुस केरकेट्टा ने बताया कि गांव में पीने के पानी का इंतजाम नहीं है । ऐसे में कुँआ के पानी ग्रामीण पीने में उपयोग कर रहे हैं। खराब रास्ते के कारण एंबुलेंस नहीं आने से बीमार गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक भी नहीं ले जा पाते हैं । नहाने के लिए भी कुंआ के पानी को भरकर लाते हैं। पानी की कमी के कारण महिलाएं कुआ पर खुले में नहाने को मजबूर हैं। यहां के युवक अनुज तिर्की ने बताया कि पूर्व में लगातार 15 सालों से कलेक्टर के समक्ष गांव के लोग कई बार परेशानी बता चुके हैं। इसकेे बावजूद लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। जिससे यहां प्रशासन के सभी दावे खोखले नजर आते है ।

■ आज भी पगडण्डी के साथ लकडियो से बने पुलिया के सहारे पंचायत तक पहुंच पाते यहां के रहवासी यहां तत्कालीन में अगर किसी पीड़ित बीमार लोग हों या गर्भवती महिला या अन्य बीमारी से ग्रसित लोगों को गांव से उपचार के लिए अस्पताल लाना हो तो भारी मसक्त के बाद पैदल या किसी अन्य साधन से उन्हें धीरे – धीरे मुख्यमार्ग तक लाया जाता है । उसके बाद एम्बुलेंस या निजी वाहन के माध्यम से ले जाया जाता है । जिससे मूलभूत सुविधा से यहां के ग्रामीण वंचित नजर आ रहे हैं यहां न तो एम्बुलेंस गांव तक पहुँच पाती है न ही निजी वाहन की यहां सुविधा है न पीने को साफ पानी की सुविधा है । और न चलने को सड़क आज भी इस गांव को पिछडा एवं बीहड़ इलाके में गिनती किया जाता है ।

■ पिछले 12 सालों से हाथियों के झुंड ने गांव को तबाह कर रखा है जिसके वजह से ठीक तरीके से खेती न ही अपने बाड़ी में सब्जी लगा पाते हैं । आये दिन यहां हाथियों का झुंड देखा जाता है । यहां के प्रत्यक्षदर्शियों का माने तो हर साल इनको गजराज के आतंक को झेलना पड़ता है । यहां गज के आतंक से बचने सभी सुविधा फैल है।

■ बरसात में बन जाता है ए गांव टापू ..
बरसात के दिनों भीतघरा गांव टापू बन जाता है । जिसके चलते यहां से निकलने या बीमार ग्रामीणों को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने की बात हो या छात्र छात्राओं को स्कूल तक पहुंचने की बात हो बहुत ही ज्यादा समस्याओ का सामना करना पड़ता है ।

◆ मामले में जब हमने सत्ता धारी कांग्रेस कमेटी के जिला अध्यक्ष मनोज सागर यादव से सम्पर्क साधा तो उन्होंने कहा कि तत्काल में पीने के पानी की समस्या को दूर करते हुए सड़क हेतु जल्द सम्बंधित अधिकारियों से चर्चा कर सभी मूलभूत समस्याओ से ग्रामीणों को जल्द निजाद दिलाएंगे।

■ पेयजल एवं सड़क की समस्या को लेकर ग्राम पंचायत – पंडरीपानी के सचिव को आदेशित कर दिया गया है । ग्राम भितघरा में पेयजल सहित सभी समस्याओं का समाधान जल्द ही किये जायेंगे । फॉरेस्ट एवं निजी जमीन होने कारण सड़क अब तक नही बन पाया है । ग्राम पंचायत के सरपंच /सचिव पंच को वनविभाग कार्यलय में आवेदन देने को कहा गया है । एनओसी मिलने बाद सड़क निर्माण के लिए भी प्रस्ताव उच्चअधिकारियों के पास भेजा जाएगा ।

धनेश कुमार टेंगवार
मुख्य कार्यपालन अधिकारी
फरसाबहार

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