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*कलम बन्द मशाल उठा, तृतीय और चतुर्थी श्रेणी के कर्मचारियों ने किया हड़ताल, कर्मचारी – अधिकारियों के लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने फलस्वरूप आंदोलन को हुए मजबूर…….*

मनोरा/ जशपुरनगर। कर्मचारी-अधिकारियों के लंबित मांगों का निराकरण नहीं होने के
फलस्वरूप छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा
आंदोलन का आगाज कर दिया है। कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए।

छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के द्वारा निम्नलिखित माँगों के संबंध में राज्य शासन को समय-समय पर ज्ञापन देकर निराकरण हेतु अनुरोध किया जाता रहा
है। मुख्य मंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित करते हुए संघ ने लिखा है कि खेद सहित लेख है कि, निराकरण की कार्यवाही नहीं होने के कारण कर्मचारी अधिकारी आक्रोशित हैं।
उल्लेखनीय है कि,आपके द्वारा दिये गये आश्वासन के बावजूद मांगों पर विचार नहीं होने से कर्मचारी जगत व्यथित है। क्योंकि,दीवाली पूर्व घोषणा की उम्मीद कर्मचारी-अधिकारी कर रहे थे। 21 नवंबर 2020 को छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के आयोजित हुए बैठक में शासन के उपेक्षा पूर्ण रवैये के लोकतांत्रिक विरोध एवं माँगों के
निराकरण हेतु शासन का ध्यान आकृष्ट करने के लिए चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय
लिया गया है ।
संगठन ने बताया कि हमारी मुख्य माँगें निम्नानुसार है :-
1) लिपिक संवर्ग के वेतन विसंगति का निराकरण साथ ही शिक्षक एवं स्वास्थ संवर्ग
सहित अन्य कर्मचारी संवर्ग का वेतन विसंगति निराकृत किया जाये।
2) प्रदेश के कर्मचारियों एवं पेंशनरों को जुलाई 19 का 5 प्रतिशत एवं जनवरी 20 का
प्रतिशत कुल 28 प्रतिशत महंगाई भत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जाये।
3) छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 का बकाया एरियर्स, 4 किश्त के भुगतान हेतु
आदेश जारी किया जाये।
सभी विभागों में लंबित संवर्गीय पदोन्नति,क्रमोन्नति,समयमान एवं तृतीय समयमान
वेतनमान का लाभ समय सीमा में प्रदान किया जाये।
5) सहायक पशु चिकित्सा अधिकारी एवं सहायक शिक्षक पद पर नियुक्त शिक्षकों को
तृतीय समयमान वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी किया जाये।
शासकीय सेवा के दौरान कोरोना संक्रमण से मृत कर्मचारियों एवं अधिकारियों के परिवार को राजस्थान सरकार के आदेश के तर्ज पर ₹ 50 लाख अनुग्रह राशि स्वीकृति आदेश जारी किया जाये। कोरोना ड्यूटी में लगाये गए शासकीय सेवकों
को कोरोना भत्ता दिया जाये।
7)
अनियमित कर्मचारियों को नियमित किया जाये एवं सेवा से पृथक अनियमित
कर्मचारियों को बहाल किया जाये।
8) जन घोषणा पत्र में उल्लेखित चार स्तरीय पदोन्नत वेतनमान स्वीकृति आदेश जारी
किया जाये। साथ ही घोषणा पत्र में उल्लेखित अन्य मांगों को पूरा किया जावें।
9) छत्तीसगढ़ वेतन पुनरीक्षण नियम 2017 के मूलवेतन के आधार पर 10 प्रतिशत गृह
भाड़ा भत्ता सहित अन्य समस्त मत्ता स्वीकृति आदेश जारी किया जाये।
10) राज्य में पुरानी पेंशन योजना लागू किया जावें।
11) तृतीय श्रेणी के पदों पर 10 प्रतिशत के बंधन को मुक्त करते हुए समयसीमा के
भीतर अनुकंपा नियुक्ति के समस्त लंबित प्रकरणों का निराकरण किया जावें ।
12) कार्यभारित/आकस्मिक सेवा के कर्मचारियों को समान वेतन के रिक्त पदों पर
समायोजित करते हुए नियमित कर्मचारियों के समान वेतन भत्ते एवं पेंशन का लाम
दिया जावें ।
13) प्रदेश के पटवारियों को पदोन्नति एवं लैपटाप के साथ उनके कार्यालयों में कम्प्यूटर
की समस्त सुविधा दी जावें।
14) पेंशनरों को त्वरित पेंशन भुगतान हेतु 20 वर्षों से लंबित राज्य पुनर्गठन अधिनियम
की धारा 49 को विलोपित कर पेंशनरी दायित्वों का मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के बीच बंटवारा तत्काल किया जाये। साथ ही, सेन्ट्रल पेंशन प्रोसेसिंग सेल भारतीय स्टेट बैंक गोविंदपुरा भोपाल से पृथक कर रायपुर छत्तीसगढ़ में स्थापित कर छत्तीसगढ़ के प्रकरणों का निपटारा किया जाये।
फेडरेशन ने अनुरोध किया है कि, उपरोक्त मांगो के यथाशीघ्र समाधान हेतु समुचित आदेश जारी करने का कष्ट करेंगे ।

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