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*कुम्हारों को ईंट बनाने की फिलहाल छूट नहीं- मुख्यमंत्री से मिलेंगे बोर्ड अध्यक्ष बालम।कई जगह बेख़ौफ़ होकर दलाल ईंट और चिमनी भठ्ठे का कार्य कर रहे हैं उनपर भी अंकुश लगाया जाएगा…….*

रायपुर/जशपुर। शिवम बेहरा। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कुम्हारों का विशेष ध्यान देते हुए भाजपा के शासन काल में कुम्हारों के लिए छत्तीसगढ़ शासन में माटीकला बोर्ड का गठन किया गया । जिसमें कुम्हार समाज राज्य में एक अलग पहचान बन गई । माटीकला बोर्ड में कुम्हारों के हित के लिये कई अहम कार्य हुए। माटीकला बोर्ड ने कुम्हारों को एक नई जिंदगी और जीने का सहारा बना, लेकिन धीरे धीरे यह बडे अधिकारियों और दलालों के चारागाह बन गया। फिलहाल राज्य में कांग्रेस की सरकार है और कुछ महीने पहले ही बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों का गठन किया है। जिसके लिए समाज ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद भी दिया है। फिलहाल कुम्हारों की जीविका को लेकर कॉंग्रेस सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। वैसे भी समाज के गरीब लोग कोरोना के चलते दो साल से टूट गए हैं। अब ज़िंदगी जीने का कोई सहारा भी उनको नहीं दिख रहा है मिट्टी के बर्तन बनाने पर बस्तर क्षेत्र में दलाल सक्रिय होकर उनके बर्तन सस्ते दामों में खरीदकर उनको दुगुने दामों पर बेंच रहे हैं।

बोर्ड अध्यक्ष बालम जल्द मिलेंगे मुख्यमंत्री से

कुम्हारों को जीविका चलाने के लिये माटीकला बोर्ड से योजनाओं की भरमार और ईंट बनाने को लेकर बोर्ड के अध्यक्ष बालम चक्रधारी ने मुख्यमंत्री से मिलकर मांग करने की बात कही है। फोन पर चर्चा के दौरान उन्होंने बताया कि हम सभी राज्य के कुम्हार और हर जिले से दो – दो प्रतिनिधि ईंट बनाने की छूट को लेकर मिलेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि हमारी हमारी कार्य को किसी दूसरे समाज के लोग कर रहे हैं और अधिकारियों को पाल रहे हैं। जो हमारी कार्य है उसे समाज के लोग ही करेंगे और नियमावली के मुताबिक करेंगे कम मात्रा में ईंट बनाकर प्रदूषण का ध्यान भी रखा जाएगा । फिर उन्होंने कहा कि कई जगह बेख़ौफ़ होकर दलाल ईंट और चिमनी भठ्ठे का कार्य कर रहे हैं उनपर भी अंकुश लगाया जाएगा हमसे जितना हो सकेगा समाज की भलाई का कार्य निः स्वार्थ भाव से करूंगा । फिलहाल कुम्हार परिवार को जीविका चलाने के लिए पटरी पर उतारने का कार्य किया जाएगा उसके बाद आगे और कई कार्य करने हैं।

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