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*कच्चे धागे की तरह टूट रहे हैं बिजली आपूर्ति तार,घण्टो अंधेरे में डूब रहे हैं शहर से लेकर गांव,प्री मानसून मेंटेनेंस में लापरवाही उपभोक्ताओं पर पड़ रही है भारी…..*

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जशपुर नगर। शहर सहित पूरे जिले में हो रही झमाझम वर्षा ने सूखे की काली छाया को काफी हद तक टाल दिया है। आसमान से हो रही अमृत बूंदों की इस वर्षा ने अन्नदाता किसानों के साथ आमजनों को भी गर्मी,उमस और सूखे के भय से मुक्ति दिलाई है। सूखे का भय आमलोगों के मन मे किस कदर हावी हो चुका है,इसका अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि वर्षा के लिए लोग भगवान इंद्र,महादेव और माता पार्वती की आराधना के साथ जनजातिय समुदाय अपने पारंपरिक रीतियों के अनुसार करम डार की पूजा करने में जुटा हुआ था। आखिर,यह सभी आराधना रंग लाई और आसमान में छाए काले बादल झूम कर बरसने लगी। लेकिन,इस अमृत वर्षा ने शहर की बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है। जानकारों के अनुसार विद्युत विभाग द्वारा हर साल बरसात से पूर्व किया जाने वाला रख रखाव कार्य में लापरवाही से इस स्थिति बनी है। हर साल वर्षा ऋतु से पहले विभाग आपूर्ति लाइन और ट्रांसफार्मर के आसपास बढ़े हुए पेड़ की शाखाओं और झाड़ियों की कटाई कर दिया करता था। इससे हवा चलने और तेज वर्षा होने पर तार टूटने,शार्ट सर्किट होने जैसी कई तकनीकी समस्या कम हो जाती थी। लेकिन,इस साल विभाग ने इस महत्वपूर्ण काम मे घोर लापरवाही की है।। इसका खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है। शहर में बिजली की चरमराई हुई व्यवस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शहर की सीमा के अंदर हर दिन 24 घँटे में 10 से 15 बार बिजली गुल हो रही है। टूटते हुए तार और ट्रांसफार्मर
से स्वयं विद्युत विभाग के कर्मचारी भी परेशान दिखाई दे रहें हैं। विद्युत सर प्लस वाले छत्तीसगढ़ राज्य में निर्बाध बिजली आपूर्ति की व्यवस्था सुनिश्चित करना,शासन प्रशासन के लिए चुनोती बनी हुई है।

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