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*धर्मांतरण मुद्दे को लेकर भड़के प्रबल प्रताप, कहा ईसाई समुदाय को अल्पसंख्यक कोटे का आरक्षण दो रुक जायेगा धर्मांतरण, सांसद गोमती साय के द्वारा संसद में मुद्दे उठाने के बाद प्रोफेसर फादर प्रफुअल के बयान के बाद दी कड़ी प्रतिक्रिया……….*

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जशपुरनगर।संसद में रायगढ़ सांसद गोमती साय द्वारा धर्मांतरण विषय पर उठाये गए प्रश्न पर रांची के प्रोफेसर फादर प्रफुल्ल के बयान पर तिखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रदेश मंत्री प्रबल प्रताप सिंह जूदेव ने कहा मौलिक अधिकार की दुहाई देने वाले प्रोफेसर को यह भी मालूम होना चाहिए कि इसाई समाज को भारत में अल्पसंख्यक का दर्जा प्राप्त है जिसके तहत संविधान द्वारा उनके लिए अलग से ३ प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की गई है जिसके तहत हिंदुओं को छोड़ सारे धर्म के लोग आरक्षण पाते हैं। परन्तु ईसाई धर्म अपना चुके लोगों को बहुत चालाकी से हिंदुओं के सामाजिक एवम शैक्षणिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षित कोटे से आरक्षण दिलवाकर सेवा के नाम पर सौदा करने वाले कुटिल लोग चंगई सभा में गरीबों की मजबूरी का फायदा उठाकर उन्हें धर्मांतरित करते हैं।ज्ञात हो चंगाई सभा में गंभीर बीमारी के मरीजों को ईश्वरीय चिकित्सा के नाम पर इकट्ठा कर ऐसे परिवारों की शिनाख्त की जाती है जो आर्थिक रूप से टूट चुके हों।उसके बाद उन परिवारों से संपर्क साधकर उनके बच्चों को अपने स्कूलों में दाखिला देकर माइंड वाश किया जाता है और कालांतर में धर्मांतरित किया जाता है।आप अस्पताल खोलकर जब सेवा कर ही रहे हैं तो ये चंगाई सभा किस लिए। आपकी काली करतूतों से पर्दा उठ चुका है धर्मांतरण के प्रोफेसर साहब ,इंतजार करें आपको यह “घर वापसी” भी समझ आएगी और भारतीय संविधान भी।
केंद्र सरकार से मेरी करबद्ध प्रार्थना है कि धर्मांतरण रोकने के लिए धर्मांतरित हिंदुओं को आरक्षण के लाभ से वंचित कर दें। प्रोफेसर प्रफुल्ल क्या मैं पूछ सकता हूं आपने अपने नौकरी के लिए किस आरक्षण कोटे का इस्तेमाल किया है हिंदुओं वाला या अल्पसंख्यकों वाला अथवा अपना विदेशी धन से बनाए शिक्षण संस्थान में स्वयं प्रोफेसर बन गए हैं।

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