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*समस्या:– डीएपी खाद की किल्लत बरकरार, बगैर डाले खेती करने को मजबूर हुए किसान, “डीडीसी सालिक साय” ने कहा प्रदेश की कांग्रेस सरकार को नहीं है किसानों की चिंता,……………….*

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कांसाबेल,जशपुरनगर। जिले में अब मानसून दस्तक दे चुका है,और यहां के किसान खरीफ की खेती की शुरुआत कर दी है,लेकिन यहां के किसानों को एक बोरी डीएपी खाद के लिए समितियों से लेकर निजी दुकानदारों के यहां चक्कर लगा रहे हैं।किसानों का कहना है की डीएपी खाद न मिलने से फसलों का उत्पादन प्रभावित होगी।वही वर्षा होने के बाद कृषि कार्यों में तेजी आ गई है। लेकिन जिले में किसानों को डीएपी और यूरिया खाद के लिए चक्कर लगाना पड़ रहा है। कुछ दिन पहले सोसाइटी में डीएपी आई थी, वह अब खत्म हो गई है। वहीं, अब डीएपी खाद भी पूरी तरह खत्म होने से किसानों की परेशानिया और भी बढ़ गई है।जिले के किसी भी सोसाइटी में डीएपी खाद नहीं मिल रही है।वही मौसम को देखते हुए किसान जल्द से जल्द बोनी करना चाहते हैं।लेकिन समय पर खाद नही मिलने से किसान अपनी खेती के लिए पिछड़ गए हैं,साथ ही बोनी के लिए नर्सरी की भी तैयारी कर चुके हैं।ऐसे में खाद की आवश्यकता किसान महसूस कर रहे हैं।खाद की जरूरत को देखते हुए बाजार से महंगे दाम पर डीएपी एवं यूरिया खाद खरीदने किसान मजबूर हो रहे हैं।

*जिला पंचायत के कृषि स्थाई समिति के सभापति डीडीसी सालिक साय ने जताई चिंता*

जिला पंचायत सदस्य ने कहा कि पूरे प्रदेश में सबसे बड़ी समस्या खाद व बीज की है। जिसके कारण किसानों में भारी आक्रोश है और किसान प्रदर्शन करने को विवश है। किसानों के कथित हितैषी बनने वाली कांग्रेस सरकार का पता नहीं है। किसानों के साथ जिस तरह खाद की संकट है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल इस दिशा में कुछ भी नहीं बोल रहे हैं और केवल भ्रामक कड़ी कर केवल मात्र सबका ध्यान भटका रहे है।उन्होंने कहा कि बोनी का समय के बाद अब रोपाई का समय आ गया है लेकिन किसानों को अभी तक खाद व बीज की उपब्लधता नहीं हो पा रही है। किसान बाजार से उंचे दाम पर बीज व खाद खरीदने को विवश है। इससे पहले जब भाजपा की 15 वर्षों तक सरकार थी तब कभी भी खाद व बीज की समस्या नहीं हुई। लेकिन प्रदेश में जब से कांग्रेस की सरकार आयी है तब से खाद व बीज की समस्या आम बात हो गई है।

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