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*राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पं. जवाहरलाल नेहरू पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर कांग्रेसियों का मौन,दुर्भायजनक,आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए हिंदू समाज और देश से माफी मांगें आदिवासी एकता परिषद,विवादित बयान पर कृष्ण कुमार राय ने बोला कांग्रेस पर हमला…………………………… पढ़िये पूरी खबर,ग्राउंड जीरो ई न्यूज पर।*

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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पं. जवाहरलाल नेहरू पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी पर कांग्रेसियों का मौन,

जशपुरनगर। राष्ट्रपित महात्मागांधी,देश के प्रथम प्रधानमंत्री पं जवाहर लाल नेहरू पर किए गए घोर आपत्तिजनक टिप्पणी पर कांग्रेस के विधायक क्यो मौन साधे हुए हैं। जिनका नाम लेकर कांग्रेसी अपनी राजनीति चला रहें हैं,उनके मान सम्मान की रक्षा के लिए आगे आने से वोट बैंक खोने का डर सता रहा है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और बिलासपुर संभाग के संगठन प्रभारी कृष्ण कुमार राय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उक्त बातें कहीं। गुरूवार को अपने निवास पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि बीते रविवार को तथाकथित आदिवासी एकता परिषद की बैठक में जो कुछ हुआ वह घोर निंदनीय है। जिस प्रकार से समाज में नफरत फैलाने वाले बयान दिए गए और मंच में बैठे हुए प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारी हिंदू देवी देवताओं के लिए प्रयोग किये जा रहे अपमानजनक बातों पर हंस हंस कर तालियां बजा कर,समर्थन देते रहे,ऐसा दृश्य,जशपुरवासियों ने पहले कभी नहीं देखा। उन्होनें जोर दे कर कहा कि यह सब ईसाई मिशनरियों की शह पर किया जा रहा है। राय ने कहा कि इस पूरे अधिवेशन का विडियो इंटरनेट मिडिया में वायरल हो रहा है। पूरे देश की जनता ने इस विडिया को देखा और सुना है। धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने के साथ देश के उच्च संवैधानिक पद पर आसीन राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मूर्मु,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी,पं. जवाहर लाल नेहरू पर टिप्पणी की गई है। इसके बाद भी कांग्रेसी नेताओं के मुंह से एक शब्द नहीं फूटना दुर्भाग्यजनक और घोर निंदनीय है।
देश से माफी मांगे आयोजक –
कृष्ण कुमार राय ने कहा कि जिस प्रकार आदिवासी एकता के नाम पर अधिवेशन में धार्मिक भावनाओं को आहत करने के साथ देश के महान नेताओं का अपमान किया गया है,उसके लिए आयोजकों को हिंदू समाज के साथ पूरे देश से क्षमा याचना करना चाहिए। उन्होनें आरोप लगाया कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार जानबूझ कर,जशपुर में वर्ग विशेष के लोगों बड़े पदों पर पदस्थ कर रही है। इससे क्षेत्र में मतातंरण का खतरा बढ़ने के साथ ही शांति व्यवस्था भी प्रभावित हो रही है।

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