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*विद्यार्थियों व शिक्षकों ने जाना इमरजेंसी में सीपीआर देने का तरीका, डीपीएस में डॉ आपट ने दी ट्रेनिंग…*

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जशपुरनगर. आपातकालीन स्थिति में सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन) देकर किसी भी व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। यह जानकारी सभी लोगों को होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से यहां के देव पब्लिक स्कूल में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को कार्डियोप्लमोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) का प्रशिक्षण दिया गया। इस मौके पर जिला अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी लक्ष्मीकांत आपट ने बच्चों और शिक्षकों को सीपीआर का प्रशिक्षण देते हुए बताया कि सीपीआर आपातकालीन स्थिति में दी जाने वाली जीवनरक्षक प्रक्रिया है। इस जीवन रक्षक प्रक्रिया के द्वारा हम सिर्फ अपने दोनों हाथों से ही किसी व्यक्ति की रुकी हुई हृदय गति को वापस लाने की कोशिश करते हैं। समय रहते यदि किसी भी व्यक्ति द्वारा उचित तरीके से सीपीआर की प्रक्रिया को किया जाय तो उस व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि किसी व्यक्ति का आकस्मिक सांस रुकने, दिल की धड़कन बंद होने या हार्ट अटैक आने पर तात्कालिक राहत प्रदान करने के उद्देश्य से सीपीआर देना है। उपरोक्त अकस्मात् परिस्थिति में सही समय पर सीपीआर किसी भी प्रभावित इंसान की जान बचाने में काफी सहायक होता है। डॉ आपट ने डेमो देकर सीपीआर देने की पूरी प्रक्रिया समझाई। इसके अलावा उन्होंने विभिन्न आकस्मिक परिस्थितियों में फर्स्ट एड कैसे दिया जाता है, इसकी भी जानकारी दी। इस दौरान शिक्षक और विद्यार्थी बहुत गंभीरता से चिकित्सक की बातें सुन रहे थे। उनके मन में चिकित्सा और लाइफ स्टाइल से जुड़ी कई जिज्ञासाएं भी थी और इन जिज्ञासाओं को लेकर बच्चों एवं शिक्षकों ने कई प्रश्न भी किए। डॉ आपट ने उन सभी प्रश्नों का उत्तर देकर उनकी जिज्ञासाओं को शांत किया। कार्यक्रम में स्कूल के एमडी ओमप्रकाश सिन्हा, डायरेक्टर सुनीता सिन्हा, एकेडमिक प्राचार्य गार्गी चटर्जी, उप प्राचार्य एरिक सोरेंग सहित पूरा स्टाफ मौजूद रहा।

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