जशपुरनगर। यहां के देव पब्लिक स्कूल एवं डी.पी.एस. प्राइमरी बालाजी, जशपुर में छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस बड़े ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुआ इस अवसर पर विद्यालय प्रांगण छत्तीसगढ़ी संस्कृति, लोक धुनों और तिरंगे झंडों से सुसज्जित था, जिससे वातावरण देशभक्ति और गर्व की भावना से ओतप्रोत हो उठा।
कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना एवं स्वागत गीत से हुआ। इसके पश्चात विद्यार्थियों ने छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति पर आधारित रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए। छोटे-छोटे बच्चों ने “सुआ नृत्य”, “पंथी नृत्य” और “राउत नाचा” की शानदार प्रस्तुति देकर उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया। छोटे बच्चों ने राज्य की परंपराओं, वेशभूषा और खान-पान पर आधारित नाट्य मंचन ने दर्शकों को छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से अवगत कराया।
*हमारी मेहनतकश जनता का प्रतीक*
विद्यालय के प्राचार्य आशीष डेगवेकर ने अपने संबोधन में कहा कि “छत्तीसगढ़ राज्य हमारी गौरवशाली संस्कृति और मेहनतकश जनता का प्रतीक है। इस दिन हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम राज्य के विकास और शिक्षा की प्रगति में अपना योगदान देंगे।
*परंपराओं का हो सम्मान*
डी पी एस प्राइमरी बालाजी में प्राचार्य जयंती सिन्हा ने विद्यार्थियों को राज्य के इतिहास, भूगोल और विशिष्टताओं के बारे में जानकारी दी और उन्हें अपने राज्य की भाषा, कला और परंपराओं के प्रति सम्मान रखने का संदेश दिया।
*उज्ज्वल भारत के निर्माता बनें*
विद्यालय के मैनेजिंग डायरेक्टर ओम प्रकाश सिन्हा ने अपने उद्बोधन में कहा कि “छत्तीसगढ़ का निर्माण जन-आकांक्षाओं का परिणाम है, और आज यह राज्य शिक्षा, कृषि, उद्योग और पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है।” उन्होंने बच्चों को प्रेरित किया कि वे पढ़-लिखकर राज्य के उज्ज्वल भविष्य के निर्माता बनें।
*ऐसे हुआ समापन*
अंत में शिक्षकों द्वारा सामूहिक राज्यभक्ति गीत प्रस्तुत किया गया और कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस अवसर पर विद्यालय परिवार ने “जय जोहार छत्तीसगढ़” के नारों के साथ राज्य के गौरव और एकता का संदेश दिया।
इस प्रकार देव पब्लिक स्कूल एवं डी.पी.एस. प्राइमरी बालाजी, जशपुर में छत्तीसगढ़ स्थापना दिवस का यह समारोह शिक्षा, संस्कृति और उत्सव का सुंदर संगम बन गया। इस गौरवपूर्ण कार्य क्रम में विद्यालय की डायरेक्टर सुनीता सिन्हा उप एकेडमिक प्राचार्य मालविका देगवेकर उप प्राचार्य एरिक सोरेग और सभी शिक्षक शिक्षिकाएं मौजूद थे ।

