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*🔴चर्चा तो यह भी है कि नेताओं तक भी पहुंचा दिया गया है हिस्सा..शिक्षा क्षेत्र में भ्रष्टाचार की हो जांच, आखिर कौन खा रहा, कहां जा रहा पैसा, क्या है संकुलों को मिलने वाले पैसे का हिसाब, भाजपा नेताओं ने लगाए गंभीर आरोप, सोशल मीडिया में भी दी कड़ी प्रतिक्रिया कह दी ऐसी बात कि व्यवस्था हो रही शर्मसार, गैंग के सदस्यों का पेट्रोल और चाय पानी खर्च शिक्षा विभाग संभाल रहा….*

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फरसाबहार/जशपुर। मुकेश नायक(सिंगिबहार)। फरसाबहार विकासखंड में बने नए 17 संकुलों के लिये आये पैसों के बंदरबांट पर उठे सवाल सोशल मीडिया में भी चर्चा के विषय बन गए हैं। बताया जा रहा है कि यहां के कर्मचारियों के द्वारा भी परेशानी व्यक्त की गई है कि उनके ऊपर दबाव बनाकर पैसे आहरित कर ले लिए गए। भाजयुमो जिला उपाध्यक्ष गोपाल कश्यप ने बताया कि कर्मचारी वसूली से डरे हुए हैं और उन्हें डरते हुए जानकारी दे रहे हैं। वहीं सोशल मीडिया में तंज कसते हुए गोपाल कश्यप ने फेसबुक में लिखा है कि चर्चा तो यह भी है कि नेताओं का हिस्सा पहुंचा दिया गया है अधिकारियों के द्वारा। वहीं भाजपा नेता विवेकानंद झा ने भी तंज की और लिखा है कि महोदय और उनके एक अभियान निरन्तर गैंग के सदस्यों का पेट्रोल और चाय पानी खर्च शिक्षा विभाग संभाल रहा है। बहरहाल शिक्षा विभाग के कार्यों के निष्पादन हेतु आवंटित पैसों की बंदरबांट को लेकर फरसाबहार विकासखण्ड से निकली यह चर्चा जशपुर जिले ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में वायरल हो रही है। यह ऐसा क्षेत्र है जहां के भ्रष्टाचार पर आज तक किसी की नजर ही नहीं पड़ी। संकुलों के माध्यम से छोटी इकाइयों में बड़े खेल अब होने लगे हैं, और वसूली अब उच्च स्तर तक वितरित हो रही है, जिसपर जांच हुई तो पूरे प्रदेश में बड़े खुलासे हो सकते हैं।
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क्या है मामला…….?

सिंगीबहार:- जिले के नागलोक में एक अजब गजब भ्र्ष्टाचार की बू आ रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मामला कुछ ऐसा है कि आप के होश उड़ जाएंगे। यहां विकास खण्ड शिक्षा विभाग फ़रसाबहार के अधिकारी कर्मचारियों पर राशि आहरण कर डकारने की खबर अंदरखाने से आ रही है जो नागलोक में चर्चा का विषय बनी हुई है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार अधिकारियों पर आरोप है कि नवगठित 17 संकुल केंद्रों के प्रभारियों को डरा धमका कर आधिकारिक रोब दिखा कर संकुल मेंटेन राशि साल में 40 हजार छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा दिया जाता है जो कि बैठक, में नास्ता,स्टेशनरी,फोटो कांपी जैसे महत्वपूर्ण चीजों में खर्च करने को लेकर दिया जाता है। जिसे लगभग सभी नवगठित संकुल केंद्रों से 40 हजार आहरण कर 16 हजार खण्ड शिक्षा कार्यलय फ़रसाबहार के उच्च अधिकारियों पर कमीशन खाने का आरोप लगा है । बताया जा रहा है कि आनन फानन में भारतीय स्टेट बैंक एवं छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में सभी संकुल केंद्रों का खाता है जो कि अकाउंड बन्द करना है कह कर सेटल कर सभी नवगठित संकुल केंद्रों का खाता बैंक ऑफ बड़ौदा में खोला गया है। सूत्रों की माने तो जो जीवट टाइप के संकुल प्रभारी थे उन्होंने कमीशन देना तो दूर की बात खाता से आहरण तक नही किया। सूत्रों की माने तो ऐसे मामले हमेशा होते रहते हैं यहां तक भी हो जाता है कि रंगाई पोताई के लिए आने वाले खर्च तक को भी मौज उड़ाने में बाज नही आते ये लोग, अब देखना है कि इन कमीशनखोर अधिकारियों पर क्या कार्यवाई या इनको हमेशा के तरह संरक्षण मिलता रहेगा।

उड़ रही खबर पर हमने विकासखण्ड की बीईओ सीआर भगत से चर्चा की, जिसपर उन्होंने दावे के साथ कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। जो भी आहरण होता है नियमों के तहत किया जाता है इस संदर्भ में कड़े निर्देश भी जारी किए गए हैं। उन्होंने इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की अनियमितता से इंकार किया है।
वहीं भ्रष्टाचार को लेकर विकासखंड के बीआरसी पर भी आरोप जन चर्चा का विषय बना हुआ है जिनके माध्यम से संकुलों से पैसे संकलित किए गए। बीआरसी श्यामलाल साहू बीआरसी फ़रसाबहार से जब ग्राउंड जीरो के द्वारा इस संदर्भ में जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह की खबर अफवाह के तौर पर फैलाई गई है जिसके पीछे किसी का मकसद रहा होगा। उन्होंने भी अनियमितता से इंकार किया और कहा कि 30 नवंबर से ही कड़े निर्देश जारी किए गए हैं कि मनमाने ढंग से किसी भी प्रकार की आहरण नहीं किए जाए और उन्होंने यह भी कहा कि पीएमएफएस सिस्टम के तहत आहरण किया जा रहा है। बीआरसी ने यह भी कहा कि कोई अपनी गलती छुपाने के लिए इस तरह के आरोप को चर्चा का विषय बना दिया होगा ऐसा भी प्रतीत होता है। बहरहाल कौन सही है और कौन गलत यह जांच का विषय है। लेकिन यह जरूरी है हर संकुल से आश्रित पैसों और उसके उपयोगिता को लेकर गंभीरता पूर्वक जांच निश्चित रूप से होनी चाहिए। क्योंकि भ्रष्टाचार के रूप में यह विषय चर्चा में आई है तो बिल्कुल से निराधार होगी यह भी दावा नहीं किया जा सकता है। बीआरसी, संकुल प्रभारी अपने क्षेत्र में किन चीजों का समन्वय कर रहे हैं और क्या चीज संकलित की जा रही है यह निश्चित रूप से जांच का विषय है।

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