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*पंजाब के साहित्य और विरासत के सप्तरंगो को समेटे “पंजाब अंतराष्ट्रीय साहित्य महोत्सव” का संपन्न हुआ भव्यता के साथ प्रथम संस्करण……जिले के कवि भी हुए इस महोत्सव में शामिल………..*

जशपुरनगर।राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पंजाब अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव भव्यता के साथ आँनलाइन संपन्न हुआ। यह 13 फरवरी 2022 को पी.आई.यू. ट्रस्ट द्वारा आयोजित किया गया। उच्च शिक्षा-दीक्षा, वेद-वेदांत, वीरता, श्रृंगार, व्याकरण, दर्शन, ज्योतिष, योगशास्त्र, चिकित्साशास्त्र, खगोलशास्त्र, सांस्कृतिक दर्शन व आक्रमणकारियों के अत्याचार, विभाजन का गवाह रही पंजाब के सांस्कृतिक विरासत को समृद्ध करने के उद्देश्य से यह आयोजन किया गया।
मुख्य अतिथि इस महोत्सव के संस्थापक व पुलिस पदाधिकारी डॉ० सुरेश सिंह शौर्य ‘प्रियदर्शी’, व विशिष्ट अतिथि प्रो़. (डॉ.) मंजू शर्मा, दिल्ली विवि रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता सहा. प्रोफ़ेसर अरविंद कुमार मौर्य द्वारा किया गया। कार्यक्रम संचालन सहा. प्रोफ़ेसर अरविंद कुमार मौर्य एवं अंकिता द्विवेदी ने संयुक्त रूप से किया। स्वागत गीत हेमलता शर्मा ने दी। इस अवसर पर राम रतन श्रीवास एवं प्रबंधक के रूप में नीतू सिंह की उपस्थिति रही। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. अरविंद पराशर-होशियारपुर, पंजाब ने मांँ सरस्वती की वंदना की।
डॉ० ‘प्रियदर्शी’ ने गुरूनानक, गुरू गोविन्द सिंह, अमृता प्रीतम व पंजाबी साहित्य पर प्रकाश डालते हुए अपनी काव्यांजलि ‘आर्यावर्त का विजय पताका’ प्रस्तुत किया। मंजीत कौर ने प्रथम काव्यांजलि भेंट की। आचार्य कृष्णानन्द नौटियाल, गुप्तकाशी केदारनाथ ने ‘रहे अमर बलिदान तेरी’ देशप्रेम व जोश से भरा काव्य पाठ किया। ‘साहित्य की सहेली’ ममता मनीष सिंहा (झारखंड) ने मधुमास पर अपनी प्रस्तूति और गरिमामयी उपस्थिति से सबको चौंका दिया।
देश भर से आज के काव्य पाठ प्रतिभागी के रूप मेें अंजू बरवा, अंकिता द्विवेदी, विनोद कुमार परिहार-पाली, राजस्थान, डॉ. मीरा पुष्पांजलि, असिस्टेंट प्रो.,कोल्हान विश्वविद्यालय, झारखंड, डॉ.गीता पांडे ‘अपराजिता’-उत्तर प्रदेश, डॉ.दिव्यांशु पांडेय “बिट्टू ” -वाराणसी, प्रकाश राय-बिहार, ईश्वर चंद्र जायसवाल-गोंडा, अनुराधा प्रियदर्शिनी-प्रयागराज, डॉ. रंजना मिश्र-लखनऊ, अनिता वाजपेयी, गीता देवी-औरैया, रामकुमारी-मेरठ, डॉ. ऋचा आर्या-लखनऊ, उत्तर प्रदेश, अंकुर सच्चर-गोरखपुर, राजेश शर्मा अगस्त्य -लुधियाना पंजाब, एस आर सरल -टीकमगढ़ म. प्र., सोनू सैनी- दौसा, राजस्थान, राजेन्द्र राज, हरदा(मध्यप्रदेश), अन्नपूर्णा मालवीया (सुभाषिनी), आशा दिनकर ‘आस’, नयी दिल्ली ,डॉ संगीता नाथ झारखंड, प्रा. अनिल आठवले (महाराष्ट्र), पं. विनय शास्त्री ‘ विनयचंद’बस्सी पठाना (पंजाब), डॉ नेहा इलाहाबादी,दिल्ली, अलका पांडेय-मुम्बई, भेरूसिंह चौहान “तरंग”झाबुआ(म. प्र.), प्रो. डॉ. आलोक रंजन कुमार, ए. के. सिंह काॅलेज, पलामू , झारखंड, श्रीमती चंन्द्रकला भरतिया -नागपुर महाराष्ट्र, कृपा राज, राजीव जिया कुमार-रोहतास, बिहार, राधा दुबे-जबलपुर, अंजनी कुमार चतुर्वेदी-मध्यप्रदेश, सुनील कुमार-बिहार, शिव कुमार गुप्त- मध्यप्रदेश, जतिन मंडल-देवघर, दिनेश गजटा- शिमला, हिमाचल प्रदेश, डॉ. ऋचा शर्मा, करनाल (हरियाणा), मंजूषा राधे, डॉ. दीप्ति गौड़ दीप- ग्वालियर मध्यप्रदेश, प्रमोद कुमार”सत्यधृत”-पिनगवां(नूहं)हरियाणा, कैलाश परमार- इंदौर, हिमांशु पाठक -हल्द्वानी उत्तराखंड, सुरेन्द्र पहारे “सबरस” खंड़वा मध्य प्रदेश, अर्चना लखोटिया -केकड़ी, राजस्थान,विशाल श्रीवास्तव-फर्रुखाबाद उत्तर प्रदेश,सुशील पाठक जशपुर (छत्तीसगढ़)’, निवेदिता सिन्हा-भागलपुर (बिहार), अंजनी कुमार चतुर्वेदी -निवाड़ी मध्यप्रदेश, संयोगिता काशिनाथ शुक्ला (जलगाव महाराष्ट्र),डॉ. गुलाब चंद पटेल- गांधीनगर, गुजरात, रामदेव शर्मा “राही”, डॉ मलकप्पा अलियास महेश-बंगलोर कर्नाटक, रामनिवास तिवारी आशुकवि, डॉ. दीपिका महाजन, इंदौर ने सुंदर प्रस्तुति देकर समां बांधे रखा। सभी साहित्यकारों ने बेहतरीन काव्यांजलि प्रस्तुत किया। सुशील पाठक जशपुर (छत्तीसगढ़)ने बेताब था दर्पण कुछ कहने को पर वह आज फुट गया,चुप नहीं रह सकता अब मैं सब्र मेरा टूट गया कि पंक्ति से अपनी बेताबी बयाँ की।
पी. आई. यू. ट्रस्ट, गिरिडीह के अध्यक्ष शिक्षाविद दिनेश्वर वर्मा ने आयोजन दल की भूरी-भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन से ना केवल साहित्य का सृजन-संरक्षण होता है अपितु यह देश निर्माण में सहायक भी होता है। सह-संस्थापक विक्रम सिन्हा ने दिल्ली से सभी साहित्यकारों को बधाई देते हुए कहा कि पंजाब अंतर्राष्ट्रीय साहित्य महोत्सव का आँफलाइन आयोजन
27 मार्च 2022 को चंडीगढ़ में किया जायेगा। अंत में, सभी का आभार प्रकट कर डॉ० प्रियदर्शी ने कार्यक्रम समापन की घोषणा की, सम्पूर्ण कार्यकम का संचालन अरविंद कुमार मौर्य एवं अंकिता जी द्वारा किया गया।

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